
अमेरिका दौरे के बाद दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस, रूस पर कड़े प्रतिबंधों की मांग; तेलंगाना की राजनीति में भ्रष्टाचार का भी किया खुलासा
10 जून 2025, नई दिल्ली
विश्व प्रसिद्ध शांति कार्यकर्ता डॉ. के.ए. पॉल ने मंगलवार को दिल्ली स्थित ए.पी. भवन में आयोजित एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति, भारत की सुरक्षा और तेलंगाना की राजनीति को लेकर गंभीर बयान दिए। यह प्रेस वार्ता उनके हालिया अमेरिका दौरे के बाद आयोजित की गई, जिसमें उन्होंने वॉशिंगटन डी.सी. और न्यूयॉर्क में डेमोक्रेट और रिपब्लिकन सीनेटरों सहित कई वैश्विक नेताओं से मुलाकात की।
डॉ. पॉल ने दावा किया कि रूस गुप्त रूप से पाकिस्तान को सैन्य सहायता प्रदान कर रहा है, जिससे भारत की सुरक्षा को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है। उन्होंने तीखा आरोप लगाते हुए कहा, “रूस भारत के पीठ में छुरा घोंप रहा है। वह पाकिस्तान को हथियार और फंडिंग दे रहा है, जबकि भारत पर आतंकी हमले बढ़ते जा रहे हैं।”
उन्होंने अमेरिका से आग्रह किया कि वह रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए। पॉल ने बताया कि उनके प्रयासों के बाद अमेरिकी सीनेट में 100% डेमोक्रेट्स और लगभग 80% रिपब्लिकन सांसद इस मुद्दे पर सख्त रुख अपनाने को तैयार हैं। उनके अनुसार, इस माह के अंत तक रूस पर नए प्रतिबंध लागू किए जा सकते हैं।
न्यूयॉर्क में होगा वैश्विक शांति सम्मेलन
डॉ. पॉल ने यह भी घोषणा की कि इस वर्ष के अंत तक न्यूयॉर्क में विश्व का सबसे बड़ा “ग्लोबल पीस समिट” आयोजित किया जाएगा। यह सम्मेलन यूक्रेन-रूस युद्ध, गाज़ा संघर्ष और मध्य-पूर्व के संकटों पर केंद्रित रहेगा। उन्होंने कहा कि सम्मेलन की तारीखें इस सप्ताह के अंत तक घोषित की जाएंगी।
तेलंगाना की राजनीति पर किया बड़ा खुलासा
प्रेस वार्ता में डॉ. पॉल ने तेलंगाना की राजनीति में गहराते भ्रष्टाचार की ओर इशारा करते हुए कांग्रेस विधायक मंडुला सैमुअल के वायरल वीडियो का हवाला दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में “घूस की संस्कृति” व्याप्त है।
पॉल ने दावा किया कि मुख्यमंत्री रविंद्र रेड्डी, जो वर्तमान में कांग्रेस में हैं, भाजपा से वैचारिक रूप से जुड़े हुए हैं और वे 25–30 विधायकों के साथ कांग्रेस से अलग होकर नई सरकार बनाने की तैयारी में हैं। उन्होंने इस राजनीतिक घटनाक्रम की तुलना महाराष्ट्र में हाल ही में हुए सत्ता परिवर्तन से की।
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न्यायपालिका से की संविधान बचाने की अपील
डॉ. पॉल ने चुनाव आयोग की निष्क्रियता और दल-बदल करने वाले विधायकों की अयोग्यता पर कार्रवाई में हो रही देरी पर भी चिंता जताई। उन्होंने भारत की न्यायपालिका से हस्तक्षेप की अपील करते हुए कहा, “अब भारतीय लोकतंत्र और संविधान की रक्षा न्यायपालिका के हाथों में है। साहसिक निर्णय लेने का यही समय है।”
उन्होंने सभी न्यायमूर्तियों से आग्रह किया कि वे संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करें और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत बनाएँ।
लोकतंत्र और शांति के लिए वैश्विक एकजुटता का आह्वान
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में डॉ. पॉल ने देश और वैश्विक समुदाय से अपील की कि वे लोकतंत्र, पारदर्शिता और शांति के लिए मिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा,
“दुनिया को अब केवल भाषण नहीं, ठोस कार्रवाई चाहिए। यही लोकतंत्र और मानवता की सच्ची सेवा होगी।”
इस पूरी प्रेस वार्ता के दौरान डॉ. पॉल ने स्पष्ट कर दिया कि भारत की सुरक्षा और लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा के लिए अब निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है — राष्ट्रीय स्तर पर भी और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी।
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