
विदेशी एक्सचेंजों पर सरकार की नजर, टैक्स चोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई तय**
नई दिल्ली, वर्षों से भारतीय टैक्स नियमों की अनदेखी करते हुए सक्रिय विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों की मनमानी पर अब विराम लगने वाला है। भारत सरकार जल्द ही क्रिप्टो एसेट रिपोर्टिंग फ्रेमवर्क (CARF) लागू करने जा रही है, जिससे विदेशों में हुए सभी क्रिप्टो लेनदेन टैक्स विभाग की निगरानी में आ जाएंगे।
अब तक कई भारतीय यूज़र्स विदेशी एक्सचेंजों का सहारा लेकर 1% TDS और अन्य टैक्स जिम्मेदारियों से बचते रहे थे। मगर अब ऐसा करना न केवल असंभव होगा, बल्कि इससे भारी आर्थिक दंड और कानूनी कार्रवाई की भी नौबत आ सकती है।
क्या है CARF और सरकार को इससे क्या मिलेगा?
CARF एक वैश्विक टैक्स रिपोर्टिंग व्यवस्था है जो Common Reporting Standard (CRS) के आधार पर तैयार की गई है। इसके तहत 63 से अधिक देश क्रिप्टो लेनदेन से संबंधित सूचनाएं आपस में साझा करेंगे ताकि टैक्स चोरी पर लगाम लगाई जा सके।
इसका सीधा असर:
- विदेशी एक्सचेंजों पर किया गया हर लेन-देन टैक्स विभाग के रिकॉर्ड में आएगा।
- जानकारी छुपाने पर टैक्स की राशि से अधिक का जुर्माना लग सकता है।
- टैक्स विभाग टैक्स चोरों की पहचान कर कानूनी कार्रवाई शुरू करेगा।
क्या विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंज भरोसेमंद हैं?
इन प्लेटफॉर्म्स ने पहले भी भारतीय नियमों जैसे TDS कटौती का पालन नहीं किया था। अब सवाल उठता है कि क्या ये CARF जैसे वैश्विक नियमों का पालन करेंगे?
- जब पहले यूज़र्स को टैक्स बचाने की गलत जानकारी दी गई, तो अब कैसे भरोसा किया जाए?
- क्या ऐसे प्लेटफॉर्म्स पर ट्रेड करना समझदारी होगी जो भारत में अनुपालक नहीं माने जाते?
इसके विपरीत, भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज टैक्स नियमों का पालन करते हुए यूज़र्स के हर ट्रेड पर TDS काटते हैं और सरकार को रिपोर्ट करते हैं।
अब टैक्स से बचना पड़ेगा भारी, सरकार ने कसे नियम
सरकार ने आयकर अधिनियम में बदलाव कर ऐसे नियम लागू किए हैं जिनके अनुसार अब सभी नामित संस्थाओं को वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के लेन-देन की सूचना टैक्स विभाग को देना अनिवार्य होगा।
नए नियमों के मुख्य प्रभाव:
- टैक्स जानकारी छुपाने पर 60% टैक्स और उस पर 50% जुर्माना लगाया जा सकता है।
- विदेशी एक्सचेंजों से जानबूझकर टैक्स चोरी करने वालों पर जांच हो सकती है।
- गैर-अनुपालक एक्सचेंजों को भारत में प्रतिबंधित किया जा सकता है जब तक वे पंजीकरण और नियमों का पालन न करें।
पुराने ट्रेड भी अब जांच के दायरे में, टैक्स और जुर्माना दोनों संभव
प्रस्तावित आयकर विधेयक में ऐसे प्रावधान शामिल किए जा रहे हैं, जिनके तहत पुराने लेन-देन पर भी टैक्स और जुर्माने की कार्रवाई की जा सकेगी, चाहे उस समय यूज़र को नियमों की जानकारी रही हो या नहीं।
अब क्रिप्टो ट्रेडिंग में टैक्स नियमों की अनदेखी पड़ेगी भारी
अब वो समय बीत चुका है जब विदेशी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स पर टैक्स से बचा जा सकता था। जैसे-जैसे CARF जैसे नियम लागू हो रहे हैं और वैश्विक सूचनाएं साझा की जा रही हैं, टैक्स से बचने की कोशिश अब सिर्फ आर्थिक नहीं, बल्कि कानूनी जोखिम भी बन चुकी है।
समय है कि क्रिप्टो निवेशक नियमों का पालन करें — क्योंकि अब हर लेन-देन की खबर सरकार तक पहुंचने वाली है।