
नई दिल्ली में प्रेस वार्ता के दौरान शांति दूत डॉ. के.ए. पॉल ने भारत सहित विश्व नेताओं से संघर्ष रोकने के लिए तत्काल कूटनीतिक पहल की अपील की
16 जून 2025, नई दिल्ली
प्रसिद्ध शांति दूत और मानवतावादी डॉ. के.ए. पॉल ने सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष को लेकर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने भारत सहित वैश्विक नेताओं से अपील की कि वे तुरंत कूटनीतिक हस्तक्षेप करें, जिससे इस तनावपूर्ण स्थिति को नियंत्रण में लाया जा सके।
डॉ. पॉल ने चेताया कि यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो यह क्षेत्रीय संघर्ष वैश्विक युद्ध का रूप ले सकता है। “दुनियाभर के नेता चुप हैं, जबकि युद्धों पर खरबों डॉलर खर्च किए जा रहे हैं और अरबों लोग भूखे मर रहे हैं। यह अस्वीकार्य है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र, नाटो और वैश्विक शक्तियों की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाया और कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अब केवल बयानबाज़ी से आगे बढ़कर सक्रिय भूमिका निभानी होगी।
डॉ. पॉल ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सांसदों से विशेष अपील की कि वे भारत की ऐतिहासिक शांति-नीति को ध्यान में रखते हुए विश्व को दिशा दिखाएं। उन्होंने कहा, “अगर हम विश्वगुरु कहलाते हैं, तो अब समय आ गया है कि हम हथियारों से नहीं, बुद्धिमत्ता और नैतिक नेतृत्व से मार्गदर्शन करें।”
डॉ. पॉल ने बताया कि वे इस्राइल और ईरान की पूर्ववर्ती सरकारों के साथ संवाद में रहे हैं और वर्तमान में अमेरिका तथा भारत के विभिन्न राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं से भी वार्ता कर रहे हैं, ताकि संघर्षविराम के लिए दबाव बनाया जा सके।
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उन्होंने इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की नीतियों को “गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक” बताया और गाजा तथा ईरान पर सैन्य कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन करार दिया। साथ ही, उन्होंने 7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले की निंदा करते हुए यह भी कहा कि इसका जवाब किसी सम्पूर्ण जनसंहार के रूप में नहीं दिया जाना चाहिए।
“गाजा में मानवीय संकट भयावह है, और इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता। एक निर्दोष जीवन इस पूरी दुनिया की दौलत से अधिक मूल्यवान है,” डॉ. पॉल ने भावुक स्वर में कहा।
उन्होंने अंत में G7 देशों, भारत और अन्य वैश्विक नेताओं से पर्दे के पीछे संवाद शुरू करने, शांति प्रतिनिधिमंडल भेजने और वैश्विक सहयोग की भावना को पुनर्जीवित करने की अपील की। “हमें मिलकर मानवता को युद्ध की आग से बचाना होगा,” उन्होंने कहा। डॉ. पॉल का यह संदेश न केवल एक चेतावनी है, बल्कि वैश्विक नेतृत्व के लिए एक अवसर भी है कि वे समय रहते हस्तक्षेप कर दुनिया को एक और विनाशकारी युद्ध से बचा सकें।
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