
नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को एक नई दिशा मिल रही है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज एक महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि केंद्र सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग स्कीम को कैबिनेट की मंज़ूरी दे दी है और इसका नोटिफिकेशन आज ही जारी किया जाएगा।
मंत्री वैष्णव ने कहा, “प्रधानमंत्री जी हर नीति में सभी हितधारकों से संवाद कर, सभी के विचार लेकर ही आगे बढ़ते हैं।” इसी दृष्टिकोण से स्कीम के नोटिफिकेशन के बाद उद्योग जगत के साथ परामर्श की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
उन्होंने बताया कि योजना पर पहले ही व्यापक स्तर पर चर्चा हो चुकी है, और अब यह अपने अंतिम कार्यान्वयन चरण में पहुंच गई है। इस दौरान गाइडलाइन्स के प्रारूप पर उद्योगों से राय ली जाएगी ताकि उसे व्यवहारिक और व्यावसायिक दृष्टिकोण से और प्रभावी बनाया जा सके।
एक्सपोर्ट में जबरदस्त वृद्धि
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक के स्मार्टफोन एक्सपोर्ट किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 54% की बढ़त है। अकेले iPhone के एक्सपोर्ट 1.5 लाख करोड़ रुपये को पार कर गए हैं, जो भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स बाज़ार में एक मज़बूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है।
25 लाख नए रोजगार की तैयारी
मंत्री ने जानकारी दी कि इस स्कीम में इंसेंटिव्स को सीधे रोजगार से जोड़ा गया है, जिससे 25 लाख से अधिक लोगों को नौकरियां मिलने की संभावना है। स्कीम में तीन प्रमुख इंसेंटिव मॉडल रखे गए हैं—
- उत्पादन की मात्रा पर आधारित
- पूंजी निवेश पर आधारित
- उत्पादन और निवेश के संयोजन पर आधारित
इस योजना के तहत जो कंपोनेंट्स बनाए जाएंगे, उनका उपयोग मेडिकल डिवाइसेज़, कंज़्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स (जैसे टीवी), डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम्स, और ऑटोमोबाइल सेक्टर (जैसे कार, बाइक, स्कूटर) में बड़े पैमाने पर होगा।
आत्मनिर्भर भारत की ओर बड़ा कदम
इस स्कीम में सेमीकंडक्टर्स (चिप्स), पैसिव कंपोनेंट्स (जैसे रेजिस्टर्स, कैपेसिटर्स), लेंस, और कैमरा जैसे तत्वों को भारत में ही निर्मित करने की योजना है। इससे न केवल देश की आयात निर्भरता घटेगी, बल्कि भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग का हब बनाने की दिशा में मजबूती मिलेगी।
मंत्री वैष्णव ने जोर देकर कहा कि, “यह सब कुछ पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में ही संभव हो पाया है।”
यह योजना भारत को ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के लक्ष्यों की ओर तेज़ी से अग्रसर करने वाली मानी जा रही है।
ये भी पढ़ें :-