
नई दिल्ली, 18 सितंबर 2025
भारतीय रेल ने अपने कर्मचारियों को नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) से यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) में एकमुश्त स्विच की सुविधा के बारे में जागरूक करने के लिए देशभर में 1,799 सेमिनार आयोजित किए। इस व्यापक अभियान का उद्देश्य कर्मचारियों को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद की वित्तीय सुरक्षा की योजना बनाने में सूचित और समझदारीपूर्ण निर्णय लेने में सहायता प्रदान करना है। यह पहल भारतीय रेल के कर्मचारी कल्याण के प्रति समर्पण को दर्शाती है।
इन सेमिनारों में सबसे अधिक योगदान दक्षिण रेलवे का रहा, जिसने 768 सेमिनार आयोजित किए। इसके बाद दक्षिण-पूर्व रेलवे ने 135, दक्षिण-पश्चिम रेलवे ने 99, दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे ने 91, उत्तर-पश्चिम रेलवे ने 90, उत्तरी रेलवे ने 88 और उत्तर मध्य रेलवे ने 80 सेमिनार आयोजित किए। अन्य रेलवे जोन ने भी इस अभियान में सक्रिय भागीदारी निभाई। उत्तर-पूर्व सीमांत रेलवे ने 70, दक्षिण-मध्य रेलवे ने 69, पश्चिम-मध्य रेलवे ने 72, मध्य रेलवे ने 40, पूर्वी रेलवे ने 40 और पश्चिम रेलवे ने 41 सेमिनार आयोजित किए। वहीं, पूर्वी तट रेलवे ने 27, पूर्व-मध्य रेलवे ने 9 और उत्तर-पूर्व रेलवे ने 16 सेमिनारों का आयोजन किया।
रेलवे के जोनल कार्यालयों के अलावा, उत्पादन इकाइयों और प्रशिक्षण संस्थानों ने भी इस जागरूकता अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रिसर्च डिज़ाइन्स एंड स्टैंडर्ड्स ऑर्गनाइजेशन ने 5 सेमिनार आयोजित किए, जबकि रेल कोच फैक्ट्री और मॉडर्न कोच फैक्ट्री ने 6-6 सेमिनार आयोजित किए। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ने 17, रेल व्हील फैक्ट्री ने 20, बनारस लोकोमोटिव वर्क्स ने 5 और चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स ने 4 सेमिनार आयोजित किए। इसके अतिरिक्त, इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग जैसे विशेष प्रशिक्षण संस्थानों ने भी कर्मचारियों में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को भारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने 24 जनवरी 2025 को अधिसूचित किया था। इसके बाद, वित्तीय सेवाएँ विभाग ने 25 अगस्त 2025 को एक कार्यालय ज्ञापन जारी कर यह सुविधा प्रदान की कि एनपीएस में शामिल पात्र केंद्रीय कर्मचारी, निर्धारित शर्तों के तहत, एक बार यूपीएस में स्विच कर सकते हैं। इस सुविधा के तहत कर्मचारी केवल एक बार यूपीएस से एनपीएस में स्विच कर सकते हैं, और इसके बाद यूपीएस में वापस लौटने की अनुमति नहीं होगी। यह स्विच सेवानिवृत्ति से कम से कम एक वर्ष पहले या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से तीन माह पहले करना होगा। हालांकि, जिन कर्मचारियों को हटाया गया, बर्खास्त किया गया या दंडस्वरूप अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई हो, या जिनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही चल रही हो या विचाराधीन हो, उन्हें यह सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। जो कर्मचारी निर्धारित समय में स्विच का विकल्प नहीं चुनेंगे, वे स्वतः एनपीएस में बने रहेंगे। साथ ही, जो कर्मचारी एनपीएस में बने रहने का निर्णय लेंगे, वे 30 सितंबर 2025 के बाद यूपीएस में स्विच नहीं कर पाएंगे।
यह पहल केंद्रीय कर्मचारियों को उनकी पेंशन योजनाओं के बारे में सूचित निर्णय लेने का अवसर प्रदान करती है। यूपीएस को अपनाने वाले कर्मचारियों के पास भविष्य में एनपीएस में लौटने का विकल्प रहेगा, जबकि एनपीएस में बने रहने वाले कर्मचारियों के लिए यूपीएस में स्विच करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2025 है। भारतीय रेल का यह अभियान कर्मचारियों को उनकी वित्तीय योजना के लिए सही दिशा प्रदान करने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है, जिससे वे सेवानिवृत्ति के बाद की अपनी आर्थिक सुरक्षा को बेहतर ढंग से सुनिश्चित कर सकें।