बांग्लादेश में दीपु चंद्र दास की भीड़ द्वारा हत्या पर HRDS INDIA ने तीखी प्रतिक्रिया दी, न्याय, जवाबदेही और अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा के लिए निर्णायक कदमों की मांग की।
नई दिल्ली | 22 दिसंबर 2025
HRDS INDIA ने बांग्लादेश में 27 वर्षीय हिंदू युवक दीपु चंद्र दास की निर्मम हत्या की कड़े शब्दों में निंदा की है और इसे मानवता, कानून और सभ्यतागत मूल्यों पर सीधा हमला बताया है। दीपु चंद्र दास, जो एक गारमेंट फैक्ट्री में कार्यरत थे, पर कथित रूप से ईशनिंदा का आरोप लगाए जाने के बाद भीड़ द्वारा सड़क पर घसीटकर हत्या कर दी गई। यह घटना ढाका के बाहरी इलाके में एक फैक्ट्री के पास हुई बताई जा रही है।
ऑपरेशन सिंदूर (जम्मू-कश्मीर) के पुनर्वास कार्यक्रम में आधिकारिक साझेदार HRDS INDIA ने स्पष्ट किया कि किसी भी धर्म या आरोप के नाम पर की गई हिंसा अस्वीकार्य है और ऐसे मामलों में कानून के शासन के तहत कठोर कार्रवाई अनिवार्य है।
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए HRDS INDIA के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु आत्मा नंबी ने संयम, न्याय और करुणा पर आधारित प्रतिक्रिया की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हिंसा केवल सामाजिक व्यवस्था को ही नहीं, बल्कि समाज के नैतिक और आध्यात्मिक ताने-बाने को भी नुकसान पहुंचाती है। सत्य और न्याय की रक्षा के लिए दोषियों को कानून के दायरे में लाना आवश्यक है, ताकि मानवता पर घृणा हावी न हो।

वहीं HRDS INDIA के संस्थापक-सचिव अजी कृष्णन ने इस मुद्दे पर अधिक सख्त और निर्णायक रुख अपनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू नागरिकों की सुरक्षा को लेकर लगातार हो रही विफलताओं को अब नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह कोई अलग-थलग घटना नहीं, बल्कि हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती लक्षित हिंसा का हिस्सा है।
अजी कृष्णन ने भारत सरकार से आग्रह किया कि वह कूटनीतिक, आर्थिक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठोस और प्रभावी कदम उठाए, ताकि यह स्पष्ट संदेश जाए कि हिंदुओं के खिलाफ हिंसा के गंभीर परिणाम होंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि अत्यधिक संयम और चुप्पी केवल दंडहीनता को बढ़ावा देती है।
HRDS INDIA ने संबंधित प्राधिकरणों से मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है। संगठन ने नागरिकों से भी शांति, एकजुटता और संवैधानिक मूल्यों के साथ न्याय की मांग करने की अपील की है।
सामाजिक उत्थान, जनजातीय अधिकारों, शिक्षा, स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सद्भाव के लिए समर्पित HRDS INDIA ने दोहराया कि वह अन्याय के खिलाफ खड़ा रहेगा और गरिमा, आपसी सम्मान तथा कानून आधारित शासन पर आधारित समाज के निर्माण के लिए निरंतर प्रयास करता रहेगा।




