
बारिश भी नहीं रोक सकी श्रद्धालुओं का उत्साह, भारी संख्या में लिया शोभा यात्रा में हिस्सा
नई दिल्ली:
महार्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव समिति (रजि.) दिल्ली प्रदेश द्वारा मंगलवार को 72वीं महार्षि वाल्मीकि शोभा यात्रा का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। यह भव्य आयोजन हर साल आदि कवि महार्षि वाल्मीकि भगवान — रामायण के प्रख्यात लेखक — के प्रकटोत्सव (जन्मोत्सव) के अवसर पर किया जाता है। इस वर्ष की यात्रा में राष्ट्रीय राजधानी में दिन भर की लगातार बारिश के बावजूद भारी संख्या में श्रद्धालु और समुदायिक सदस्य शामिल हुए।
सैकड़ों झांकियों, पारंपरिक बैंड परफॉर्मेंस और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ यह रंगीन शोभायात्रा मधोडास पार्क, रेड फोर्ट से शुरू होकर भगवान वाल्मीकि मंदिर, मंदिर मार्ग, पंचकुइयाँ रोड, नई दिल्ली में समाप्त हुई। यात्रा में भगवान वाल्मीकि जी के जीवन, मूल्यों और साहित्यिक योगदान को दर्शाने वाली प्रस्तुतियाँ शामिल रहीं।
इस अवसर पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश के. जी. बालकृष्णन और सांसद श्री मनोज तिवारी, लोकसभा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने चौधरी मनीष पर्चा, अध्यक्ष, महार्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव समिति (रजि.) दिल्ली प्रदेश के साथ शोभा यात्रा में शामिल होकर भगवान वाल्मीकि जी की भक्ति में अपने श्रद्धा भाव का परिचय दिया। सभी अतिथियों और हजारों श्रद्धालुओं ने केसरिया झंडों के साथ यात्रा में भाग लिया और भजनों का गायन किया।
पूर्व CJI के. जी. बालकृष्णन ने कहा, “भगवान वाल्मीकि का जीवन दुनिया के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनके धर्म, दया और समानता के संदेश समय की कसौटी पर हमेशा प्रासंगिक रहेंगे। बारिश के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहाँ आए, यह समाज की नैतिक और आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है।”
सांसद श्री मनोज तिवारी ने कहा, “यह यात्रा केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि समानता, भक्ति और सेवा का प्रतीक है। महार्षि वाल्मीकि के आदर्श — दया, ज्ञान और साहस — आज भी एक समावेशी और मानवतावादी समाज के निर्माण में मार्गदर्शन करते हैं।”
चौधरी मनीष पर्चा, अध्यक्ष, ने कहा, “बारिश के बावजूद यात्रा की सफलता हमारे समुदाय की गहरी श्रद्धा और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है। 72 वर्षों से यह शोभा यात्रा एकता, भक्ति और भगवान वाल्मीकि के शिक्षाओं का प्रतीक बनी हुई है। हम हर श्रद्धालु, स्वयंसेवक और शुभचिंतक का आभार व्यक्त करते हैं जिन्होंने इस आयोजन को भव्य बनाने में योगदान दिया।”
इस आयोजन के दौरान वरिष्ठ संरक्षक च. पं. दुर्गादास और किशन लाल सिनंदी ने मार्गदर्शन किया। आयोजन समिति में सचिन गौर (अध्यक्ष), मदन रुखर (संयोजक), अनिल सिनंदी (महासचिव), गौरव पहलवान (कोषाध्यक्ष), रोहित दिलोद (प्रबंधक), विकी प्रेमी (प्रवक्ता), करण पर्चा (समन्वयक), अजय पर्चा (कार्यवाहक अध्यक्ष) और अंशुल रुखर (उपाध्यक्ष) शामिल थे।
श्रद्धालुओं ने इसे भक्ति और सामुदायिक सेवा का संगम बताया। बारिश के बीच हजारों लोगों का एक साथ चलना और भजन-कीर्तन करना एक प्रेरक दृश्य था, जो सत्य, दया और समानता को न्यायपूर्ण समाज की नींव मानने का संदेश देता है।