
अमेरिका में स्थापित ग्लोबल पीस इनिशिएटिव (GPI) के संस्थापक और प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय शांति दूत डॉ. के.ए. पॉल ने इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से तत्काल ईरान पर सैन्य कार्रवाई रोकने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यह आक्रामकता जारी रही तो वैश्विक स्तर पर गंभीर संकट उत्पन्न हो सकता है।
हैदराबाद स्थित प्रजा शांति पार्टी मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान डॉ. पॉल ने कहा,
“प्रधानमंत्री नेतन्याहू द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले एक बड़ी भूल है। यह केवल ईरान के खिलाफ नहीं, बल्कि रूस, चीन और उत्तर कोरिया जैसे शक्तिशाली देशों को भी उकसाने जैसा कदम है, जो तीसरे विश्व युद्ध का कारण बन सकता है।”
डॉ. पॉल, जो पहले इज़राइल और ईरान दोनों देशों के राज्य अतिथि रह चुके हैं, ने नेतन्याहू से मानवता और मानवीय मूल्यों को सर्वोपरि रखने की मांग की। उन्होंने ग़ज़ा की बिगड़ती मानवीय स्थिति पर गहरी चिंता जताई और कहा,
“ग़ज़ा में दस लाख से अधिक लोग भुखमरी के कगार पर हैं, जो पूरी तरह अस्वीकार्य है। इतिहास, ईश्वर और मानवता इस अन्याय को कभी माफ़ नहीं करेंगे।”
इसके साथ ही, हाल ही में अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 हादसे को लेकर डॉ. पॉल ने भारतीय विमानन क्षेत्र में सुधार और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए कई गंभीर सुझाव और मांगें रखीं:
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्काल पद छोड़ देना चाहिए, क्योंकि भाजपा और RSS की 75 वर्ष की सेवानिवृत्ति नीति के अनुसार नेतृत्व अब युवा पीढ़ी को सौंपा जाना चाहिए।
- गृह मंत्री अमित शाह को अस्थायी प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाना चाहिए क्योंकि उनके पास प्रशासनिक अनुभव है।
- केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू को भी तुरंत इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि उनके पास विमानन क्षेत्र का आवश्यक अनुभव नहीं है।
- अहमदाबाद हवाई अड्डे के संचालन में लगे अडानी समूह को इस दुर्घटना की पूरी ज़िम्मेदारी स्वीकार करनी चाहिए और हर पीड़ित परिवार को ₹100 करोड़ का मुआवजा तुरंत दिया जाना चाहिए, जो जांच पूरी होने तक अंतरिम राहत के रूप में होगा।
डॉ. पॉल ने सुझाव दिया कि अहमदाबाद के रनवे को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विस्तारित किया जाना चाहिए और हवाई अड्डे के आसपास गैरकानूनी निर्माण पर भी सख्त प्रतिबंध लगाना होगा।
उन्होंने अहमदाबाद एयरपोर्ट की अवसंरचना में कई कमियों को उजागर करते हुए कहा कि खराब ग्राउंड हैंडलिंग और आपातकालीन सेवाओं की कमी इस दुर्घटना की गंभीरता बढ़ाने वाले प्रमुख कारण हैं।
उन्होंने कहा,
“मैं 1991 से निजी विमानन क्षेत्र से जुड़ा हूँ। विमानन एक अत्यंत जटिल और संवेदनशील क्षेत्र है। यहाँ अनुभवहीनता और लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती। हमें पारदर्शिता, जवाबदेही और तत्काल सुधार की आवश्यकता है।”
अंत में डॉ. पॉल ने देशवासियों से भी अपील की कि वे सतर्क रहें और केंद्र सरकार, विमानन प्राधिकरणों तथा निजी एयरपोर्ट संचालकों से जिम्मेदारी तय करने की मांग करें, ताकि भविष्य में इस प्रकार की त्रासदियों से बचा जा सके।