
नई दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. के. ए. पॉल ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कतर के अमीर शेख से 400 मिलियन डॉलर के निजी जेट की रिश्वत लेने का आरोप लगाया। उनके अनुसार, इस घूस के बदले ट्रंप ने हथियारों की आपूर्ति जारी रखने और उनकी नीतियों पर किसी भी सवाल से परहेज़ करने की शर्त रखी। डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि ट्रंप उस समय भारत–पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को रोके बिना अरब देशों में हथियारों की बिक्री में व्यस्त थे।
आत्मनिर्भर भारत और वैश्विक शांति का संदेश
डॉ. पॉल ने ज़ोर देकर कहा कि “भारत अब किसी विदेशी शक्ति पर आश्रित नहीं रहेगा। जब यह विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र राजनीतिक एकता दिखाएगा, तभी हम पूरे ग्रह में शांति का दूत बनेंगे।” उन्होंने महात्मा गांधी और सरदार पटेल की शांति परंपरा को आगे बढ़ाने के लिए सभी राजनीतिक दलों को साथ लाने का आग्रह किया।
विविध धर्मों का समन्वित समर्थन
इस आयोजन में हिंदू, मुस्लिम, बौद्ध एवं अन्य धर्मों के प्रतिनिधियों ने भी शिरकत की। सुप्रीम कोर्ट के वकील तथा बौद्ध इंटरनेशनल फोरम फॉर पीस के अध्यक्ष आनंद एस. जोंधले एवं मुस्लिम समाज के नेता अशरफी अकबर अली ने डॉ. पॉल के समर्थन में शांति और एकता का संदेश दिया।
इंडिगो एयरलाइंस पर हमला: मानवीय कार्यों में राजनीतिक अड़चन
डॉ. पॉल ने इंडिगो एयरलाइंस की भी निंदा की और तर्क दिया कि तुर्की में शांति सम्मेलन में भाग लेने से उन्हें रोकना “मानवीय प्रयासों में अनावश्यक राजनीतिक हस्तक्षेप” है।
24-घंटे की वैश्विक प्रार्थना और शांति दिवस
डॉ. पॉल ने 24 मई शाम 6 बजे से 25 मई शाम 6 बजे तक 24 घंटे की वैश्विक प्रार्थना और शांति दिवस आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने दुनियाभर के नागरिकों से अपील की कि वे कम से कम पाँच मिनट के लिए अपने घरों, मंदिरों, मस्जिदों, चर्चों तथा सार्वजनिक स्थलों पर एकजुट होकर प्रार्थना करें।
राजनीतिक नेतृत्व के नाम संदेश
आखिर में, डॉ. पॉल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं विपक्षी नेताओं से निवेदन किया कि वे पार्टीगत सीमाओं से ऊपर उठकर “भारत की एकता और विश्वशांति” के लिए मिलकर काम करें। उनका कहना था, “जब भारत अपना घर संवार लेगा, तब ही यह वैश्विक स्तर पर शांति का परचम लहरा सकता है।”