
लखनऊ, 16 मई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को श्रम एवं सेवायोजन विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि उद्योगपति और श्रमिक एक-दूसरे के पूरक हैं, न कि प्रतिस्पर्धी। उन्होंने जोर देकर कहा कि श्रम कानूनों को ऐसा संतुलन दिया जाए जिससे वे उद्योगों के अनुकूल हों, लेकिन साथ ही श्रमिकों के अधिकारों और गरिमा की भी पूरी सुरक्षा हो।
उन्होंने कहा कि “हर हाथ को काम” देने के लिए हमें उद्योगों को बढ़ावा देना होगा, क्योंकि बंद उद्योग किसी को रोजगार नहीं दे सकते। उन्होंने निर्देश दिए कि श्रमिकों को दुर्घटना के समय उचित मानदेय और बीमा सुरक्षा मिलनी चाहिए, जिससे उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
श्रमिक अड्डों को मॉडल के रूप में विकसित किया जाए
डोरमेट्री, कैंटीन, शौचालय और प्रशिक्षण की व्यवस्था अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बने श्रमिक अड्डों को मॉडल स्वरूप दिया जाए, जहां श्रमिकों को डोरमेट्री, स्वच्छ शौचालय, शुद्ध पेयजल, कैंटीन और प्रशिक्षण की सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने निर्देश दिए कि कैंटीन में 5 से 10 रुपये में श्रमिकों को चाय, नाश्ता और भोजन उपलब्ध हो।
साथ ही, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों की स्किल मैपिंग कर उन्हें न्यूनतम मानदेय की गारंटी दी जाए, ताकि यह कार्यबल संगठित श्रमिक शक्ति में बदला जा सके।
बाल श्रमिकों के पुनर्वास की रफ्तार बढ़े
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना और स्पॉन्सर्ड योजनाओं से जोड़ें
योगी आदित्यनाथ ने बाल श्रमिकों के पुनर्वास पर जोर देते हुए कहा कि केवल आजीविका ही नहीं, बल्कि उन्हें मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना जैसी योजनाओं से जोड़कर भविष्य सुरक्षित करने की दिशा में तेजी से काम किया जाए। उन्होंने इसे सामाजिक और नैतिक जिम्मेदारी बताया।
विदेश जाने वाले श्रमिकों को भाषायी प्रशिक्षण जरूरी
तकनीकी कौशल के साथ गंतव्य देश की भाषा का भी हो प्रशिक्षण
मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि विदेश में रोजगार के लिए जाने वाले निर्माण श्रमिकों को तकनीकी प्रशिक्षण के साथ-साथ संबंधित देश की भाषा का भी प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि उनकी कार्यक्षमता और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हो सके।
सीएसआईसी और ईएसआईएस में निजी अस्पतालों को जोड़ा जाए
आयुष्मान भारत की तर्ज पर श्रमिकों को मिले बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं
योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए कि संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए निजी अस्पतालों को सीएसआईसी और ईएसआईएस योजनाओं से जोड़ा जाए। इससे श्रमिकों को अधिक सुविधा मिलेगी।
अटल आवासीय विद्यालय गुणवत्ता के मानक बनें
निरंतर निगरानी से सुनिश्चित हो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा
मुख्यमंत्री ने अटल आवासीय विद्यालयों को देशभर में मॉडल के रूप में उभरते हुए बताया और अधिकारियों को इनकी निरंतर निगरानी के निर्देश दिए ताकि इनकी गुणवत्ता बनी रहे।
निवेश मित्र पोर्टल पर समयबद्ध निस्तारण हो
5.97 लाख में से 5.90 लाख आवेदनों को मिल चुकी है एनओसी
मुख्यमंत्री ने बताया कि निवेश मित्र पोर्टल पर अब तक प्राप्त 5,97,625 आवेदनों में से 5,90,881 को एनओसी प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने शेष आवेदनों का निस्तारण समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से करने के निर्देश दिए।
श्रम विभाग की ऐतिहासिक प्रगति
9 वर्षों में 13,644 नए कारखानों का पंजीकरण, 99% की वृद्धि
बैठक में अधिकारियों ने जानकारी दी कि 2016 तक प्रदेश में कुल 13,809 कारखाने पंजीकृत थे, जबकि पिछले 9 वर्षों में 13,644 नए कारखाने दर्ज हुए हैं, जो 99% की वृद्धि दर्शाते हैं। भारत सरकार के बीआरएपी सिफारिशों के क्रियान्वयन में श्रम विभाग को ‘अचीवर स्टेट’ का दर्जा मिला है। मुख्यमंत्री ने इन उपलब्धियों को अभूतपूर्व बताते हुए विभाग की सराहना की।