
ग्लोबल पीस इनिशिएटिव संस्थापक ने आरोपी की गिरफ्तारी, आजीवन वकालत प्रतिबंध और अदालत सुरक्षा सख्त करने की अपील की
नई दिल्ली: ग्लोबल पीस इनिशिएटिव के संस्थापक और प्रसिद्ध धर्मप्रचारक डॉ. के.ए. पॉल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है और आरोपी अधिवक्ता राकेश किशोर (71) के खिलाफ तत्काल एवं सख्त कार्रवाई की मांग की है।
डॉ. पॉल ने इस घटना को “न्यायपालिका की गरिमा पर सीधा प्रहार और अत्यंत निंदनीय कृत्य” बताते हुए गहरी चिंता जताई कि आरोपी को गिरफ़्तारी के तीन घंटे के भीतर ही रिहा कर दिया गया और उसकी वस्तुएं भी लौटा दी गईं। उन्होंने इसे “कानून के प्रति लापरवाही और दंडहीनता का खतरनाक संकेत” बताया।
उन्होंने गृह मंत्रालय से आग्रह किया कि आरोपी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) और अदालत की अवमानना अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाए, साथ ही उसकी गिरफ्तारी, आजीवन वकालत प्रतिबंध और अदालत परिसरों की सुरक्षा को सुदृढ़ किया जाए। “यदि ऐसे कृत्यों को नजरअंदाज किया गया या हल्के में लिया गया, तो यह कट्टरपंथियों और उग्रवादियों को न्यायाधीशों व अदालतकर्मियों को धमकाने का साहस देगा,” डॉ. पॉल ने अपने पत्र में चेताया।
डॉ. पॉल ने 2008 की उस घटना का उदाहरण दिया, जब एक इराकी पत्रकार ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश पर जूता फेंका था और उसे तीन साल की सजा दी गई थी। उन्होंने कहा कि भारत को भी न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने के लिए “कठोर और निष्पक्ष कार्रवाई” का उदाहरण पेश करना चाहिए।
डॉ. पॉल ने यह भी कहा कि ऐसी घटनाओं पर कमजोर प्रतिक्रिया से भारत की वैश्विक साख को ठेस पहुँचती है और उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह से आग्रह किया कि न्यायपालिका पर किसी भी हमले या धमकी के प्रति ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति को सख्ती से लागू किया जाए।