
चुनाव आयोग ने नई व्यवस्थाओं और कड़े निगरानी तंत्र के साथ निष्पक्ष व पारदर्शी मतदान की तैयारी पूरी की
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की रणभेरी बज चुकी है। भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में घोषणा कर दी। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। इसके बाद 14 नवंबर को मतगणना होगी और 16 नवंबर तक पूरी चुनावी प्रक्रिया समाप्त कर ली जाएगी। चुनाव की तारीखों का निर्धारण करते समय छठ महापर्व का विशेष ध्यान रखा गया है ताकि मतदाताओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस वार्ता में बताया कि इस बार बिहार के चुनाव में कई नए बदलाव लागू किए जा रहे हैं, जो भविष्य में पूरे देश में लागू होंगे। इनमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में उम्मीदवारों की तस्वीरें रंगीन और क्रम संख्या का फॉन्ट बड़ा करने जैसे कदम शामिल हैं। इसके अलावा, सभी मतदान केंद्र भवनों के ग्राउंड फ्लोर पर स्थापित किए जाएंगे ताकि बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को कोई परेशानी न हो। 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं और 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले लोगों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाएंगी।
चुनाव आयोग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में एक जनरल ऑब्जर्वर और एक पुलिस ऑब्जर्वर तैनात किए जाएंगे, जो अन्य राज्यों से होंगे। इसके साथ ही, सभी मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग की व्यवस्था होगी ताकि मतदान प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी रहे। दियारा क्षेत्रों में घुड़सवार बल पेट्रोलिंग करेगा ताकि सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हो। मतदाताओं की सुविधा के लिए वोटर हेल्पलाइन नंबर 1950 उपलब्ध रहेगा, जहां वे अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं। साथ ही, ईसीआई नेट एप के जरिए मतदाता अपने बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) से संपर्क कर अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकेंगे।
चुनाव आयोग ने डिजिटल सुविधाओं को बढ़ावा देने के लिए 40 एप्लिकेशन को मिलाकर एक वन स्टॉप डिजिटल सेंटर बनाया है, जिससे मतदाताओं और उम्मीदवारों को आसानी होगी। इसके अलावा, उम्मीदवारों को मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी पर हेल्प सेंटर खोलने की अनुमति दी गई है। चुनाव समाप्त होने के कुछ दिनों बाद डिजिटल इंडेक्स कार्ड भी जारी किया जाएगा।
चुनाव आयोग ने फर्जी खबरों पर कड़ी निगरानी और कार्रवाई का ऐलान किया है ताकि चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता बनी रहे। इस बार करीब साढ़े आठ लाख चुनाव कर्मी बिहार में मतदान प्रक्रिया को संपन्न कराने में जुटे रहेंगे।
राजनीतिक मोर्चे पर, बिहार में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) और विपक्षी महागठबंधन के बीच अभी तक सीट बंटवारे को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। दोनों गठबंधनों के नेता पिछले एक महीने से सीट शेयरिंग पर चर्चा कर रहे हैं, लेकिन कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया है। रविवार को पटना में एनडीए नेताओं ने भाजपा के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठक की, जबकि तेजस्वी यादव के आवास पर महागठबंधन के नेताओं ने भी रणनीति पर विचार-विमर्श किया।