
मुंबई, 27 मई 2025
यूनिवर्सिटी ऑफ वारविक, जो यूके के शीर्ष संस्थानों में से एक है, ने मुंबई के ताज लैंड्स एंड में एक खास मीडिया कार्यक्रम के साथ अपनी 60वीं वर्षगांठ मनाई। इस कार्यक्रम में वारविक के वैश्विक प्रभाव, नवोन्मेषी शोध और भारत के साथ उसके गहरे एवं सक्रिय संबंधों को उजागर किया गया, जिसमें उद्योग सहयोग और बदलाव लाने वाले पूर्व छात्रों का बढ़ता समुदाय शामिल है।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारी यूके से मुंबई आए, जिनमें अजय तेली (ग्लोबल चीफ कम्युनिकेशन, मार्केटिंग और कंटेंट ऑफिसर) और सतनाम राणा-ग्रिंडले (डायरेक्टर, कॉरपोरेट ब्रांड कम्युनिकेशन) शामिल थे। उनका यह दौरा भारत में प्रतिभा विकास और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को मजबूत करने के प्रति वारविक की प्रतिबद्धता को और पुष्ट करता है — खासकर भारत के साथ, जो विश्वविद्यालय के सबसे सक्रिय छात्र और पूर्व छात्र समुदायों में से एक है।
कार्यक्रम में वारविक और टाटा के बीच 25 वर्षों से चले आ रहे गहरे सहयोग को भी प्रमुखता दी गई, जो शिक्षा और नवाचार में उद्योग के साथ जुड़ाव का बेहतरीन उदाहरण है। साथ ही, भारत और विश्व भर में प्रभावशाली परियोजनाओं का नेतृत्व कर रहे वारविक के पूर्व छात्रों की उपलब्धियों का भी सम्मान किया गया।
श्रेया मित्तल: Warwick से ₹100 करोड़ ब्रांड तक की प्रेरक कहानी
इन उपलब्धियों के बीच एक खास नाम उभरा — श्रेया मित्तल, जिन्होंने 2024 में वारविक बिजनेस स्कूल से बीएससी मैनेजमेंट विद एंटरप्रेन्योरशिप की पढ़ाई पूरी की। उल्लेखनीय है कि वारविक बिजनेस स्कूल ने QS एग्जीक्यूटिव MBA रैंकिंग 2025 में वैश्विक स्तर पर पाँच स्थान की छलांग लगाते हुए 10वां स्थान हासिल किया है, और यूरोप में छठा तथा यूके में तीसरा स्थान प्राप्त किया है।
श्रेया, भारत के सबसे तेजी से बढ़ते वेलनेस और लाइफस्टाइल ब्रांड, कावा एथलीजर की सह-संस्थापक और चीफ मार्केटिंग ऑफिसर (CMO) हैं। यह ब्रांड अब ₹100 करोड़ से अधिक मूल्यांकन के साथ स्थापित हो चुका है।
साल 2020 में स्थापित कावा, श्रेया की उद्यमशीलता का प्रमाण है, जिसे वे वारविक में बिताए गए अपने समय का नतीजा मानती हैं। उनके अनुसार, कस्टमाइज़ेबल कोर्सवर्क ने उन्हें अकादमिक ज्ञान को वास्तविक समय में अपने स्टार्टअप में लागू करने का अवसर दिया। इसके साथ ही Warwick Entrepreneurs और Indian Society जैसे छात्र समुदायों ने उनके सफर में मजबूती दी।
“हर क्लास, हर अनुभव मैंने सीधे कावा में उतारा,” श्रेया कहती हैं। “वारविक सिर्फ एक विश्वविद्यालय नहीं, बल्कि मेरे लिए एक लॉन्चपैड था।”
वे ब्लूबेल रेजिडेंस, वारविक बिजनेस स्कूल और फैकल्टी ऑफ आर्ट्स बिल्डिंग को अपने खास अनुभवों के स्थलों के रूप में याद करती हैं। “इस कैंपस ने मुझे वो सब कुछ दिया जिसकी मुझे जरूरत थी, और आज भी यह जगह मुझे अपने घर जैसी लगती है,” वे मुस्कुराते हुए कहती हैं।
वारविक अपनी 60 साल की सफलता का जश्न मनाते हुए अपने वैश्विक नजरिए को और विस्तृत करने पर फोकस कर रहा है, जिसमें भारत की भूमिका अहम है। 125 से अधिक देशों के 28,000 से ज्यादा छात्रों के साथ, वारविक वर्तमान में यूके के शीर्ष 10 और विश्व के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में शामिल है।
“वारविक की कहानी सीमाएं तोड़ने की है — चाहे वह शोध हो, नवाचार हो, या ऐसे नेतृत्व का निर्माण जो भारत से वैश्विक स्तर पर प्रभावशाली उद्यम स्थापित कर रहे हैं, जैसे श्रेया,” अजय तेली ने कहा।
वारविक के 92% शोध को ‘विश्व-स्तरीय’ या ‘अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्ट’ (REF) के रूप में मान्यता मिली है, जो इसे ज्ञान निर्माण और उद्योग सहयोग में एक वैश्विक अग्रणी बनाता है।