
डॉ. भार्गव मल्लप्पा ने दिल्ली मॉडल की प्रशंसा की, कपिल मिश्रा ने फोरम को हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया
नागरिक सशक्तिकरण और जमीनी स्तर पर नेटवर्क को मजबूत करने के उद्देश्य से पीपल फोरम ऑफ इंडिया के शीर्ष नेताओं ने दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति और भाषा मंत्री कपिल मिश्रा से शिष्टाचार भेंट की। बैठक में फोरम के नए राष्ट्रीय ढांचे की रूपरेखा पेश की गई और जन-सहभागिता बढ़ाने के अवसरों पर विचार-विमर्श हुआ।
प्रतिनिधिमंडल ने साझा किए संगठनात्मक सुधार
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व डॉ. भार्गव मल्लप्पा (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष – प्रशासन एवं संगठन) और डॉ. एस. मणिमोझ्यान (राष्ट्रीय अध्यक्ष) ने किया। उन्होंने मंत्री को फोरम में चल रहे संरचनात्मक बदलावों के बारे में जानकारी दी, जिसमें राष्ट्रीय से लेकर तालुक स्तर तक नए नेतृत्व की नियुक्ति और सामुदायिक नेतृत्व आधारित शासन को बढ़ावा देने की योजनाएं शामिल हैं।
दिल्ली मॉडल की सराहना
बैठक के दौरान डॉ. मल्लप्पा ने दिल्ली सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा,
“विरासत संरक्षण, भाषाई विविधता और नागरिक मूल्यों को सुदृढ़ करने के क्षेत्र में कपिल मिश्रा के नेतृत्व में किया गया कार्य सराहनीय है। पीपल फोरम सरकार के प्रयासों को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
कपिल मिश्रा ने दिया पूर्ण सहयोग का भरोसा
कपिल मिश्रा ने फोरम की पहल का स्वागत करते हुए कहा,
“नागरिक सशक्तिकरण और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति पीपल फोरम की प्रतिबद्धता समय की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक गौरव और जनभागीदारी का नवजागरण हुआ है। दिल्ली सरकार ऐसे संगठनों को हरसंभव सहयोग देगी।”
बेंगलुरु दौरे का आमंत्रण
बैठक में डॉ. मल्लप्पा ने मंत्री को बेंगलुरु आने का निमंत्रण दिया, ताकि वे फोरम के राज्य स्तरीय समन्वयकों और वालंटियर समूहों से मिल सकें।
फोरम का लक्ष्य और पृष्ठभूमि
मीडिया से बात करते हुए डॉ. एस. मणिमोझ्यान ने कहा,
“हमारा लक्ष्य सेवा, पारदर्शिता और भागीदारी आधारित राष्ट्रीय ढांचे का निर्माण करना है। हम ऐसे जनप्रतिनिधियों के साथ काम करना चाहते हैं जो नागरिक सहभागिता को महत्व देते हैं।”
पीपल फोरम ऑफ इंडिया की स्थापना 1952 में भारत सरकार के ‘भारतीय सेवक समाज’ के अंतर्गत हुई थी। फोरम वर्तमान में पुनर्गठन की प्रक्रिया में है और सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में वालंटियर नेटवर्क, डिजिटल कनेक्टिविटी और प्रशासनिक पहुंच को सशक्त बना रहा है।