
Pahalgam attack: जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हुआ आतंकी हमला न केवल क्रूरता की पराकाष्ठा है, बल्कि इसके पीछे की टाइमिंग और रणनीति इसे बेहद गंभीर और चिंताजनक बना देती है। यह हमला उस वक्त हुआ जब कश्मीर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौटता दिख रहा था। आर्टिकल 370 हटने के बाद, यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है। इस वारदात ने 25 साल पुराने छत्तीसिंहपुरा नरसंहार की भयावह यादें ताजा कर दीं, जहां पाकिस्तानी आतंकियों ने 36 सिखों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। अब एक बार फिर वही पैटर्न दोहराया गया है।
हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF)’ ने ली है, जिसे लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा माना जाता है। इस नरसंहार को अंजाम देने के लिए जो समय चुना गया, वो कोई संयोग नहीं बल्कि सोची-समझी रणनीति का हिस्सा था। आइए जानते हैं इस हमले की पांच प्रमुख वजहें:
1. सऊदी अरब में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी
जब यह खौफनाक हमला हुआ, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा पर थे। इस समय का चयन पाकिस्तान की ओर से मुस्लिम देशों को यह झूठा संदेश देने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है कि भारत कश्मीर में मुसलमानों पर अत्याचार कर रहा है।
2. अमेरिकी उपराष्ट्रपति की भारत यात्रा
हमले के समय अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर थे। इस हमले को अमेरिका को एक स्पष्ट संदेश देने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है कि कश्मीर की स्थिति अब भी नाजुक बनी हुई है। ठीक वैसे ही जैसे 2000 में छत्तीसिंहपुरा नरसंहार के समय तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत आने वाले थे।
3. पाकिस्तानी सेना प्रमुख का भड़काऊ बयान
पाकिस्तानी आर्मी चीफ असीम मुनीर ने हाल ही में कश्मीर को लेकर उकसावे वाले बयान दिए थे, जो आतंकवादियों के लिए संकेत साबित हुए। आम नागरिकों को निशाना बनाकर यह जताने की कोशिश की गई कि कश्मीर आज भी अशांत है।
4. पर्यटन सीजन में दहशत फैलाने की साजिश
कश्मीर में इन दिनों टूरिस्ट सीजन चरम पर है। पहलगाम जैसे शांतिपूर्ण इलाकों में हमला कर आतंकियों ने पर्यटकों के बीच डर का माहौल बनाने की कोशिश की है। यह अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले किया गया ताकि धार्मिक यात्रा पर भी इसका असर पड़े।
5. वक्फ कानून के बहाने माहौल बिगाड़ने की कोशिश
देशभर में वक्फ कानून को लेकर फैलाई जा रही अफवाहों और विरोध प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में यह हमला किया गया, जिससे देश में धार्मिक ध्रुवीकरण बढ़े और आतंकी अपने एजेंडे को आगे बढ़ा सकें।