
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परिवर्तनकारी पहलों को मंजूरी दी: राष्ट्रीय खेल नीति 2025, तमिलनाडु राजमार्ग परियोजना, रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना और आरडीआई योजना से भारत की प्रगति को बढ़ावा
नई दिल्ली, 1 जुलाई 2025
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज चार प्रमुख पहलों को मंजूरी दी, जिनका उद्देश्य भारत के खेल परितंत्र, बुनियादी ढांचे, रोजगार परिदृश्य और नवाचार ढांचे को बदलना है। इनमें राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025, तमिलनाडु में 1,853 करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजना, रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना और अनुसंधान, विकास और नवाचार (आरडीआई) योजना शामिल हैं। ये उपाय मिलकर समग्र विकास को बढ़ावा देने, नागरिकों को सशक्त बनाने और 2047 तक भारत को वैश्विक नेता बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
राष्ट्रीय खेल नीति 2025: भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति के रूप में स्थापित करना
आज मंजूर राष्ट्रीय खेल नीति (एनएसपी) 2025, 2001 की नीति का स्थान लेती है और 2036 ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में उत्कृष्टता के साथ भारत को वैश्विक खेल महाशक्ति बनाने के लिए एक दूरदर्शी रोडमैप प्रस्तुत करती है। मंत्रालयों, नीति आयोग, राज्य सरकारों, राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ), खिलाड़ियों और हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद विकसित, यह नीति पांच प्रमुख स्तंभों पर आधारित है:
1. वैश्विक उत्कृष्टता: प्रतिभा की पहचान और विकास को मजबूत करना, प्रतिस्पर्धी लीग को बढ़ावा देना, खेल बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, और खेल विज्ञान व प्रौद्योगिकी को अपनाना। इसमें कोचों और सहायक कर्मचारियों का प्रशिक्षण और एनएसएफ शासन में सुधार भी शामिल है।
2. खेलों के माध्यम से आर्थिक विकास: खेल पर्यटन को बढ़ावा देना, अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी, खेल विनिर्माण को प्रोत्साहन और सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) व कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के माध्यम से निजी क्षेत्र की भागीदारी।
3. सामाजिक विकास: महिलाओं, हाशिए पर मौजूद समुदायों और दिव्यांगजनों की भागीदारी बढ़ाना, स्वदेशी खेलों को पुनर्जनन, और शिक्षा के साथ खेलों को जोड़कर इसे करियर विकल्प बनाना।
4. जन आंदोलन के रूप में खेल: राष्ट्रव्यापी अभियानों, स्कूलों और कार्यस्थलों के लिए फिटनेस सूचकांक और खेल सुविधाओं तक सभी की पहुंच सुनिश्चित करना।
5. शिक्षा के साथ एकीकरण (एनईपी 2020): स्कूली पाठ्यक्रम में खेलों को शामिल करना और शिक्षकों को प्रशिक्षण देना।
नीति का कार्यान्वयन ढांचा मजबूत शासन, निजी क्षेत्र सहयोग, प्रौद्योगिकी एकीकरण (एआई और डेटा एनालिटिक्स), प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) के साथ राष्ट्रीय निगरानी प्रणाली और राज्यों के लिए मॉडल नीति शामिल करता है। समग्र सरकारी दृष्टिकोण के साथ, एनएसपी 2025 स्वस्थ, सशक्त नागरिकों और वैश्विक खेल प्रतिष्ठा को बढ़ावा देगा।
तमिलनाडु की 1,853 करोड़ रुपये की राजमार्ग परियोजना से कनेक्टिविटी को बढ़ावा
मंत्रिमंडल ने तमिलनाडु में राष्ट्रीय राजमार्ग-87 (एनएच-87) के 46.7 किमी परमकुडी-रामनाथपुरम खंड को चार-लेन में अपग्रेड करने के लिए 1,853 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी। हाइब्रिड एन्युटी मोड (एचएएम) के तहत विकसित यह परियोजना मदुरै, परमकुडी, रामनाथपुरम, मंडपम, रामेश्वरम और धनुषकोडी को जोड़ने वाले मौजूदा दो-लेन राजमार्ग पर यातायात भीड़भाड़ और सुरक्षा चिंताओं को दूर करेगी।
उन्नत गलियारा पांच प्रमुख र націон राजमार्गों (एनएच-38, एनएच-85, एनएच-36, एनएच-536, एनएच-32) और तीन राज्य राजमार्गों (एसएच-47, एसएच-29, एसएच-34) से जुड़ेगा, जिससे दक्षिणी तमिलनाडु में निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। यह दो रेलवे स्टेशनों (मदुरै और रामेश्वरम), मदुरै हवाई अड्डे और दो छोटे बंदरगाहों (पम्बन और रामेश्वरम) के साथ भी एकीकृत होगा, जिससे बहु-मॉडल परिवहन को बढ़ावा मिलेगा।
यह परियोजना 8.4 लाख व्यक्ति-दिन प्रत्यक्ष और 10.45 लाख व्यक्ति-दिन अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी, रामेश्वरम और धनुषकोडी में पर्यटन को बढ़ावा देगी, क्षेत्रीय आर्थिक केंद्रों को मजबूत करेगी और व्यापार व औद्योगिक विकास के नए अवसर खोलेगी।
रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना: 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजन
2 लाख करोड़ रुपये की लागत वाली रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को मंजूरी दी गई, जिसका लक्ष्य सभी क्षेत्रों, विशेष रूप से विनिर्माण में रोजगार सृजन, रोजगार क्षमता और सामाजिक सुरक्षा को बढ़ावा देना है। 2024-25 के केंद्रीय बजट में घोषित, यह योजना 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक 99,446 करोड़ रुपये के व्यय के साथ 3.5 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित करेगी।
योजना के दो हिस्से हैं:
1. भाग-ए: पहली बार कर्मचारी: ईपीएफओ के साथ पंजीकृत, 1 लाख रुपये तक वेतन वाले पहली बार काम करने वालों को एक महीने का वेतन (15,000 रुपये तक) दो किस्तों में मिलेगा—छह और बारह महीने की सेवा के बाद, वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने पर। यह 1.92 करोड़ कर्मचारियों को लाभान्वित करेगा।
2. भाग-बी: नियोक्ता प्रोत्साहन: अतिरिक्त कर्मचारियों (50 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों के लिए दो, बड़े के लिए पांच) को नियुक्त करने वाले नियोक्ताओं को दो साल तक प्रति कर्मचारी 3,000 रुपये प्रति माह मिलेगा, विनिर्माण के लिए चार साल तक विस्तारित। यह 2.6 करोड़ अतिरिक्त रोजगारों का समर्थन करेगा।
भुगतान कर्मचारियों के लिए प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) और नियोक्ताओं के लिए पैन-लिंक्ड खातों के माध्यम से होंगे। यह योजना कार्यबल को औपचारिक बनाने और युवाओं के लिए सामाजिक सुरक्षा कवरेज का विस्तार करेगी।
अनुसंधान, विकास और नवाचार योजना: भारत के नवाचार परितंत्र को सशक्त करना
1 लाख करोड़ रुपये की आरडीआई योजना को मंजूरी दी गई, जो भारत के नवाचार परितंत्र को मजबूत करने के लिए निजी क्षेत्र में दीर्घकालिक, कम या शून्य ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करेगी।
मुख्य उद्देश्य:
– आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता के लिए अनुसंधान और नवाचार में निजी निवेश को प्रोत्साहन।
– उच्च प्रौद्योगिकी तत्परता स्तर (टीआरएल) परियोजनाओं को वित्तपोषण।
– महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों का अधिग्रहण।
– डीप-टेक फंड ऑफ फंड्स की स्थापना।
अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एएनआरएफ), प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में, योजना का मार्गदर्शन करेगा, और विज्ञान व प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) नोडल एजेंसी होगा। द्वि-स्तरीय वित्तपोषण तंत्र में एएनआरएफ के तहत एक विशेष प्रयोजन निधि (एसपीएफ) और द्वितीय स्तर के फंड मैनेजर शामिल हैं, जो रियायती ऋणों या स्टार्टअप्स के लिए इक्विटी के माध्यम से परियोजनाओं को वित्तपोषित करेंगे।
यह योजना 2047 तक विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप प्रतिस्पर्धी नवाचार परितंत्र को बढ़ावा देगी।
मंत्रिमंडल की मंजूरी भारत को खेल, बुनियादी ढांचे, रोजगार और नवाचार में वैश्विक नेता बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। एनएसपी 2025 खेल उत्कृष्टता के लिए एक साहसिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है, तमिलनाडु राजमार्ग परियोजना क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बढ़ाता है, ईएलआई योजना लाखों रोजगार सृजित करती है, और आरडीआई योजना अत्याधुनिक नवाचार को प्रोत्साहित करती है। ये पहल सामूहिक रूप से नागरिकों को सशक्त बनाने, भारत के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने को मजबूत करने और 2047 तक आत्मनिर्भर, विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को साकार करने का लक्ष्य रखती हैं।