दिल्ली में आयोजित क्रिस्टु महोत्सव 2025 में राजनयिकों, धार्मिक नेताओं और विशेष रूप से सक्षम बच्चों की उत्साही भागीदारी, कार्यक्रम का केंद्र रहा समावेशन और अंतरधार्मिक सौहार्द।
नई दिल्ली, 6 दिसंबर 2025
नई दिल्ली के सेंट माइकल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में चावरा कल्चरल सेंटर ने शनिवार को क्रिस्टु महोत्सव 2025 का शानदार आयोजन किया। सांस्कृतिक सद्भाव, सामाजिक समावेशन और अंतरधार्मिक एकता को बढ़ावा देने वाली इस वार्षिक पहल का यह पाँचवाँ संस्करण रहा, जिसमें देश–विदेश से दूतावासों के प्रतिनिधि, धार्मिक नेता, नागरिक समाज के सदस्य, कलाकार और सैकड़ों विशेष रूप से सक्षम बच्चे शामिल हुए।
इस अवसर पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस, आर्चबिशप अनिल जोसेफ थॉमस कौटो, बिशप स्टीफन फर्नांडीस सहित पुर्तगाल, माल्टा, तिमोर-लेस्ते, पेरू और ग्वाटेमाला के राजदूतों ने उपस्थिति दर्ज कराई।
‘हर बच्चा अपना है’—महोत्सव की मूल भावना
कार्यक्रम की शुरुआत चावरा कल्चरल सेंटर के निदेशक रेव. डॉ. फ्र. रोबी कनंचिरा CMI के स्वागत संबोधन से हुई। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव किसी समारोह से बढ़कर एक सामाजिक अभियान है—जहाँ विशेष रूप से सक्षम और वंचित बच्चों को केंद्र में रखकर करुणा, प्रेम और मानवता का संदेश दिया जाता है।
राज्यपाल डॉ. बोस ने किया पुस्तक का विमोचन, दिया एकता और सेवा का संदेश
राज्यपाल डॉ. सी. वी. आनंद बोस ने अपनी पुस्तक ‘क्रिस्टु महोत्सव’ का लोकार्पण करते हुए कहा कि क्रिसमस का सार सेवा, करुणा और एकता में निहित है। उन्होंने विशेष रूप से सक्षम बच्चों को “मानवता की सच्ची शक्ति का परिचायक” बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि अनेक धर्मों के बीच भी प्रेम और दिव्यता की रोशनी सबको जोड़ती है।

संगीत, क्वायर और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बढ़ाई शोभा
महोत्सव में:
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भावपूर्ण संगीत और क्वायर प्रस्तुतियाँ
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बच्चों की आकर्षक मार्च-पास्ट
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और विभिन्न स्कूलों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम
ने उत्सव का वातावरण और भी जीवंत बना दिया।
अंतरराष्ट्रीय अतिथियों ने सराहा भारत की सद्भावना और विविधता
विदेशी राजदूतों ने भारत की बहु-आयामी संस्कृति और अंतरधार्मिक एकता की प्रशंसा की।
माल्टा के राजदूत एच. ई. रूबेन गौची ने भारत को “करुणा और मानवता से भरी पवित्र भूमि” बताया।
पुर्तगाल के राजदूत जोआँ रिबेरो द अल्मेइदा ने चावरा कल्चरल सेंटर द्वारा किए जा रहे कार्यों को समाज में शांति और संवाद को बढ़ावा देने वाला महत्वपूर्ण प्रयास बताया।
गरीबों और हाशिए पर रह रहे बच्चों के साथ एकजुटता ही क्रिसमस की सच्ची भावना — आर्चबिशप कौटो
आर्चबिशप अनिल जोसेफ थॉमस कौटो ने कहा कि क्रिसमस का असली उत्सव तब सार्थक होता है जब समाज के सबसे कमजोर वर्गों—गरीब, विशेष रूप से सक्षम और वंचित बच्चों—के साथ मिलकर मनाया जाए।

कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ
CBCI के उप महासचिव रेव. डॉ. मैथ्यू कोइकल ने सभी अतिथियों, स्वयंसेवकों, शिक्षण संस्थानों और दूतावासों को धन्यवाद देते हुए कहा कि यह महोत्सव समाज में सद्भाव और सह-अस्तित्व का एक अनूठा संदेश देता है।
क्रिस्टु महोत्सव 2025 ने यह साबित किया कि चावरा कल्चरल सेंटर केवल सांस्कृतिक घटनाओं का मंच नहीं है, बल्कि करुणा, विविधता, समावेशन और अंतरधार्मिक संवाद को बढ़ावा देने वाला एक प्रेरक आंदोलन है।




