
500 किमी तक कोई वृद्धि नहीं; लंबी दूरी की यात्रा पर ₹5 से ₹15 तक की सीमित बढ़ोतरी, एसी और मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में प्रति किलोमीटर 1-2 पैसे की संशोधन दर लागू
30 जून 2025, नई दिल्ली
रेल यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए, रेल मंत्रालय ने 1 जुलाई 2025 से प्रभावी रूप से यात्री ट्रेन सेवाओं के मूल किराए को तर्कसंगत बनाने की घोषणा की है। यह कदम किराया ढांचे को सुव्यवस्थित करने और भारतीय रेलवे की वित्तीय स्थिरता को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
संशोधित किराए भारतीय रेलवे सम्मेलन संघ (IRCA) द्वारा जारी नई किराया तालिका पर आधारित हैं और यह केवल 1 जुलाई या उसके बाद बुक किए गए टिकटों पर लागू होंगे। पुराने टिकट पहले की दरों पर ही वैध रहेंगे।
मुख्य विशेषताएं:
उपनगरीय यात्रा किराया यथावत
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उपनगरीय एकल यात्रा किराए और सीज़न टिकट (उपनगरीय व गैर-उपनगरीय दोनों) में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
साधारण गैर-एसी श्रेणी (गैर-उपनगरीय गाड़ियाँ):
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द्वितीय श्रेणी:
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500 किमी तक: कोई वृद्धि नहीं
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501-1500 किमी: ₹5 की बढ़ोतरी
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1501-2500 किमी: ₹10 की बढ़ोतरी
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2501-3000 किमी: ₹15 की बढ़ोतरी
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स्लीपर व प्रथम श्रेणी:
प्रति किमी 0.5 पैसे की वृद्धि
मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों (गैर-एसी) में:
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द्वितीय, स्लीपर और प्रथम श्रेणी सभी में 1 पैसा प्रति किमी की वृद्धि
एसी क्लास (मेल/एक्सप्रेस):
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एसी चेयर कार, 3-टियर/3E, 2-टियर, एसी फर्स्ट, एग्जीक्यूटिव क्लास व अनुभूति कोच में 2 पैसे प्रति किमी की वृद्धि
प्रीमियर ट्रेनों पर भी लागू:
नई दरें इन ट्रेनों पर भी लागू होंगी:
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राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, वंदे भारत, तेजस, हमसफर, अमृत भारत, महामना, गतिमान, अंत्योदय, जन शताब्दी, युवा एक्सप्रेस, विस्टाडोम, अनुभूति और अन्य विशेष सेवाएं।
सहायक शुल्कों में कोई बदलाव नहीं:
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आरक्षण शुल्क, सुपरफास्ट अधिभार व अन्य शुल्क यथावत रहेंगे।
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जीएसटी पूर्ववत लागू होता रहेगा।
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राउंडिंग नियमों में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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कार्यान्वयन और दिशा-निर्देश:
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नया किराया 1 जुलाई 2025 से बुक किए गए टिकटों पर प्रभावी होगा।
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पीआरएस, यूटीएस और मैनुअल टिकटिंग सिस्टम को अपडेट किया जा रहा है।
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सभी क्षेत्रीय रेलवे को स्टेशनों पर किराया तालिकाएं अपडेट करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
यह मामूली वृद्धि रेलवे की सेवाओं को टिकाऊ और सक्षम बनाए रखने की दिशा में उठाया गया एक संतुलित कदम है, जो यात्रियों की जेब पर न्यूनतम भार डालते हुए संरचनात्मक सुधार सुनिश्चित करता है।
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