
ओसवाल परिवार ने हमले को सुनियोजित साजिश बताते हुए पुलिस और अदालत से कड़ी कार्रवाई की मांग की, कहा – झूठे आरोपों और धमकियों से न्याय की लड़ाई नहीं रुकेगी।
उद्योगपति पंकज ओसवाल की पत्नी राधिका ओसवाल पर 23 जुलाई को हुए हमले ने पूरे परिवार को झकझोर दिया है। इस मामले में ओसवाल परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और कहा है कि दोषियों के खिलाफ हर स्तर पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
हमला करने वाला युवक विष्णु मेनारिया बताया जा रहा है। वह घर में पहले शेफ रहे मुकेश मेनारिया का बेटा है। एफआईआर के मुताबिक, विष्णु ने राधिका के घर में घुसकर उन पर हमला किया और जान से मारने, बलात्कार, एसिड अटैक और हत्या जैसी धमकियां दीं। पुलिस ने उसे मौके से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, लेकिन 24 घंटे बाद सख्त शर्तों पर जमानत मिल गई। परिवार की ओर से वकीलों ने इस जमानत पर आपत्ति जताई है और कोर्ट से इसे रद्द करने की मांग की है।
यह घटना ऐसे वक्त सामने आई है जब परिवार पहले ही झूठे मामलों से जूझ चुका है। अक्टूबर 2024 में पूर्व कर्मचारी मुकेश मेनारिया ने ओसवाल परिवार पर ‘हत्या की नीयत से अपहरण’ का आरोप लगाया था। इस झूठे आरोप के चलते उनकी बेटी वसुंधरा ओसवाल को युगांडा में तीन हफ्ते तक हिरासत में रखा गया था। हालांकि, जून 2025 में अदालत ने यह केस पूरी तरह खारिज कर दिया।
अब हालात यह हैं कि खुद मुकेश कई देशों में फरार है। युगांडा पुलिस उसे झूठी जानकारी और फर्जी मुकदमा दर्ज कराने के लिए तलाश रही है, जबकि तंजानिया में वह जमानत तोड़कर फरार घोषित है। भारत में भी उसके बेटे और पत्नी पर चेक बाउंस का केस चल रहा है। उधर, विष्णु पर मानहानि का केस भी दर्ज है।
परिवार की बेटी वसुंधरा ने कहा, “इन झूठे आरोपों और हमलों से हमें भारी मानसिक पीड़ा हुई है। लेकिन हमें विश्वास है कि सच सामने आएगा और न्याय मिलेगा। हम पूरी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे।”
ऑस्ट्रेलिया से यूरोप शिफ्ट हुआ ओसवाल परिवार कहता है कि वे अपनी सुरक्षा और न्याय के लिए हर संभव कानूनी रास्ता अपनाएंगे। परिवार का आरोप है कि पिता-पुत्र की यह हरकतें पूरी तरह “आक्रामक और गैरकानूनी” हैं।