डॉ. पॉल बोले — “मुख्य न्यायाधीश पर हमला संविधान पर हमला है”

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद डॉ. पॉल बोले — “यह मामला किसी व्यक्ति का नहीं, संविधान की मर्यादा का है”

नई दिल्ली:

“न्यायपालिका पर प्रहार, संविधान पर प्रहार है” — इसी भावना के साथ डॉ. के.ए. पॉल ने सुप्रीम कोर्ट से मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकने वाले अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई की मांग की

“Justice Now or Never” शीर्षक से दायर डॉ. पॉल की याचिका आज माननीय न्यायमूर्ति सूर्या कांत की अध्यक्षता वाली पीठ (आइटम नंबर 42) के समक्ष सुनी गई। याचिका कानून के समक्ष समानता, न्यायिक जवाबदेही और न्यायपालिका की पवित्रता से जुड़े गंभीर संवैधानिक प्रश्न उठाती है।

सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट मीडिया लॉन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए डॉ. पॉल ने कहा, “मेरी याचिधिवक्ता के कृत्य पर नहीं, बल्कि न्यायपालिका की गरिमा की रक्षा पर केंद्रित है। खुले न्यायालय में भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेंकना, संविधान पर सीधा प्रहार है।”

डॉ. पॉल ने न्यायपालिका के प्रति बढ़ते अनादर की प्रवृत्ति पर चिंता जताते हुए कहा कि संबंधित अधिवक्ता ने घटना के बाद मीडिया साक्षात्कारों में अपने कृत्य का खुलेआम महिमामंडन किया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने चेतावनी दी, “यदि ऐसे कृत्य माफ किए गए या महिमामंडित हुए, तो यह दूसरों को अदालत की अवमानना के लिए प्रोत्साहित करेगा। दुनिया देख रही है कि भारत—जो सबसे बड़ा लोकतंत्र है—अपनी न्यायपालिका की गरिमा को कैसे बनाए रखता है।”

डॉ. पॉल ने झारखंड उच्च न्यायालय की एक हालिया घटना का भी उल्लेख किया, जिसमें अधिवक्ता महेश तिवारी पर एक कार्यरत न्यायाधीश को धमकाने का आरोप है। उन्होंने कहा कि यह “एक खतरनाक प्रवृत्ति है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए।”

उन्होंने माननीय न्यायमूर्ति सूर्या कांत की पीठ का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने उनकी चिंताओं को गंभीरता से लिया और उन्हें अपने निवारक सुझाव सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) को प्रस्तुत करने की अनुमति दी। डॉ. पॉल ने बताया कि उन्होंने पहले ही एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस विषय पर चर्चा की है।

डॉ. पॉल ने कहा, “न्याय चुनिंदा नहीं होना चाहिए। अधिवक्ताओं या अधिकारियों के लिए एक कानून और आम नागरिकों के लिए दूसरा नहीं हो सकता। यदि संविधान न्यायपालिका की रक्षा नहीं कर पाता, तो वह राष्ट्र की भी रक्षा नहीं कर सकता।”

डॉ. पॉल की यह याचिका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बनी हुई है। वैश्विक पर्यवेक्षक इसे भारत की कानून के समक्ष समानता और संवैधानिक संस्थाओं की पवित्रता के प्रति प्रतिबद्धता की कसौटी के रूप में देख रहे हैं।

  • Related Posts

    फोन टैपिंग और निगरानी का आरोप लगाते हुए नवनीत चतुर्वेदी ने डीजीपी चंडीगढ़ को लिखा पत्र

    राज्यसभा मतदान तक चंडीगढ़ में रहने वाले चतुर्वेदी ने सुरक्षा और आवास की मांग की। नई दिल्ली: राज्यसभा चुनाव से पहले जनता पार्टी अध्यक्ष नवनीत चतुर्वेदी ने डीजीपी चंडीगढ़ को…

    Continue reading
    पंजाब में आप का सबसे बड़ा राजनीतिक संकट, 70 विधायकों की बगावत से बढ़ी मुश्किलें

    2022 की ऐतिहासिक जीत के बाद पंजाब में कमजोर पड़ रही आप, बगावत ने बढ़ाई नेतृत्व की चिंता चंडीगढ़: पंजाब की राजनीति में शुक्रवार को तब हलचल मच गई, जब…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    डॉ. पॉल बोले — “मुख्य न्यायाधीश पर हमला संविधान पर हमला है”

    • By admin
    • October 27, 2025
    • 22 views
    डॉ. पॉल बोले — “मुख्य न्यायाधीश पर हमला संविधान पर हमला है”

    विश्व हिन्दू महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं कोर कमेटी की बैठक नई दिल्ली में सम्पन्न

    • By admin
    • October 26, 2025
    • 35 views
    विश्व हिन्दू महासंघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं कोर कमेटी की बैठक नई दिल्ली में सम्पन्न

    इन्दिरा आईवीएफ ने यमुनानगर में खोला नया फर्टिलिटी क्लिनिक

    • By admin
    • October 26, 2025
    • 25 views
    इन्दिरा आईवीएफ ने यमुनानगर में खोला नया फर्टिलिटी क्लिनिक

    ट्रैकिंग, न कि टैक्सिंग: भारत को अपनी क्रिप्टो टीडीएस नीति पर पुनर्विचार क्यों करना चाहिए

    • By admin
    • October 25, 2025
    • 35 views
    ट्रैकिंग, न कि टैक्सिंग: भारत को अपनी क्रिप्टो टीडीएस नीति पर पुनर्विचार क्यों करना चाहिए

    सुगंध, भक्ति और कला का संगम — डेनमार्क में हुआ ‘श्री कृष्ण लीला’ का वैश्विक समर्पण

    • By admin
    • October 25, 2025
    • 36 views
    सुगंध, भक्ति और कला का संगम — डेनमार्क में हुआ ‘श्री कृष्ण लीला’ का वैश्विक समर्पण
    • By admin
    • October 24, 2025
    • 34 views