
प्रशासनिक विफलताओं, जांच एजेंसियों के दुरुपयोग और न्यायपालिका की गिरती साख पर उठाए गंभीर सवाल
प्रजा शांति पार्टी के प्रमुख डॉ. के.ए. पॉल ने गुरुवार को नई दिल्ली के आंध्र भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र और राज्य सरकारों पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने देश में बार-बार हो रहे पुल हादसों और जांच एजेंसियों की पक्षपाती कार्यप्रणाली को लेकर सरकार की गंभीर आलोचना की।
डॉ. पॉल ने हाल ही में हुए पुल हादसे को प्रशासनिक असफलता करार देते हुए कहा कि, “पिछले कुछ वर्षों में 150 से अधिक पुल गिर चुके हैं और सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन किसी भी जिम्मेदार अधिकारी को सजा नहीं मिली।” उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से जवाबदेही तय करने की मांग की।
तेलंगाना में ईडी द्वारा 29 कलाकारों और हस्तियों के खिलाफ चल रही जांच को लेकर भी उन्होंने सवाल उठाए। डॉ. पॉल ने कहा कि उन्होंने 23 मई 2025 को इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया था, जिसके बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। उन्होंने कार्रवाई का स्वागत करते हुए पूछा, “क्या सिर्फ विपक्ष से जुड़े लोगों पर ही कार्रवाई होगी? सत्ताधारी दलों से जुड़े सितारों की जांच क्यों नहीं हो रही?”
हैदराबाद की सिगाची फार्मा कंपनी में हुए हादसे का जिक्र करते हुए डॉ. पॉल ने बताया कि पहले ही सुरक्षा उल्लंघनों की चेतावनी दी गई थी, फिर भी दर्जनों लोगों की जान गई और कई शव अब तक नहीं मिले हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी वरिष्ठ अधिकारी पर अभी तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं हुई है, जो प्रवर्तन प्रणाली की नाकामी को दर्शाता है।
डॉ. पॉल ने न्यायपालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार और संस्थागत ईमानदारी के ह्रास पर भी गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में लगातार जनहित याचिकाएं दायर कर इस लड़ाई को कानूनी मोर्चे पर जारी रखेगी।
अंत में उन्होंने मीडिया, नागरिक समाज और आम जनता से अपील की कि वे निष्क्रिय न रहें और देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट होकर आवाज उठाएं। “देश संकट के दौर से गुजर रहा है। अब मौन रहना खतरे से खाली नहीं,” उन्होंने कहा।