डीएम तरनजोत सिंह ने रामगंज में चल रही वैज्ञानिक मधुमक्खी प्रबंधन परियोजना को कृषि-आधारित आजीविका और जैव-विविधता संरक्षण के लिए उत्तर बिहार का भावी आदर्श मॉडल बताया।
मधेपुरा, बिहार | 20 नवंबर 2025
मधेपुरा के जिलाधिकारी श्री तरनजोत सिंह, IAS ने बुधवार को कुमारखण्ड प्रखंड के रामगंज गांव में लागू वैज्ञानिक मधुमक्खी प्रबंधन एवं जैव-विविधता संवर्धन परियोजना का विस्तृत निरीक्षण किया। उन्होंने इस पहल को उत्तर बिहार में वैज्ञानिक शहद उत्पादन और पर्यावरण पुनर्स्थापन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम करार दिया।
जिलाधिकारी ने परियोजना को संचालित कर रहे रामालय फाउंडेशन और इसकी इकाई अर्थ एंड फॉरेस्ट की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रशांत कुमार द्वारा ग्रामीणों को प्रकृति, जैव-विविधता और वैज्ञानिक तरीकों से बेहतर आजीविका से जोड़ने का प्रयास अत्यंत प्रेरक है।
CSIR–NBRI की वैज्ञानिक टीम की प्रशंसा
डीएम ने CSIR–NBRI/NBRL लखनऊ के वैज्ञानिकों के प्रति भी आभार व्यक्त किया, जो CSIR Floriculture Mission Phase-II के तहत इस परियोजना को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान कर रहे हैं।
मुख्य वैज्ञानिक डॉ. बिकर्मा सिंह और डॉ. सुशील कुमार द्वारा किसानों को परागण पारिस्थितिकी, वैज्ञानिक मधुपालन और पौध संरचना डिजाइन पर दिए जा रहे प्रशिक्षण को उन्होंने परियोजना की असली शक्ति बताया।

स्थल पर निरीक्षण और किसानों से संवाद
अपने निरीक्षण दौरे के दौरान जिलाधिकारी ने—
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किसानों को प्रशिक्षण प्रमाणपत्र प्रदान किए
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ग्रामवासियों से बातचीत कर उनके सुझाव सुने
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मधुमक्खी बक्सों, पौधारोपण क्षेत्रों और जैव-विविधता ज़ोन का भ्रमण किया
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किसानों को वैज्ञानिक तरीकों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया
उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि यह परियोजना भविष्य में क्षेत्र के लिए नई रोज़गार संभावनाएं लेकर आएगी।
विभागों को संयुक्त प्रयास का निर्देश
डीएम ने कृषि, उद्यान, वन विभाग, KVK, जीविका, प्रखंड और जिला प्रशासन को एक ही प्लेटफॉर्म पर समन्वित ढंग से काम करने के लिए कहा। उनका कहना था कि विभागों का संयुक्त प्रयास ही इस पहल को मजबूत और दीर्घकालिक सफलता दिला सकता है।

डीएम ने बताया—उत्तर बिहार का भविष्य मॉडल
जिलाधिकारी ने विश्वास जताया कि आने वाले वर्षों में रामगंज गांव उत्तर बिहार का प्रमुख वैज्ञानिक शहद उत्पादन और जैव-विविधता संरक्षण केंद्र बनकर उभरेगा। उन्होंने परियोजना को जिला प्रशासन की ओर से पूर्ण सहयोग देने की घोषणा भी की।
परियोजना का संक्षिप्त परिचय
रामालय फाउंडेशन और CSIR–NBRI के संयुक्त प्रयास से चल रही इस पहल के तहत—
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40 किसानों को वैज्ञानिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है
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200 मधुमक्खी बॉक्स स्थापित किए जा रहे हैं
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जैव-विविधता क्षेत्र का विस्तार किया जा रहा है
यह परियोजना ग्रामीण आजीविका, पर्यावरण सुरक्षा और स्थानीय पारिस्थितिकी के संरक्षण को एक साथ जोड़ने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।





