जीवन के ठहराव में भी हलचल जगाती हैं हरीश अरोड़ा की कविताएं

‘तुम्हारी चुप्पियां एक घोषणापत्र हैं’ का दिल्ली पुस्तक मेले में हुआ लोकार्पण

दिल्ली, 09 अगस्त, 2025

‘समकालीन कविता में अधूरापन कविता का एक प्रमुख स्वर रहा है। इसी परंपरा में हरीश अरोड़ा की कविताएँ न केवल अधूरी इच्छाओं के एक कोलाज है बल्कि यह खोए हुए समय की गवाहियाँ देती हैं।’ ये विचार दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन द्वारा दिल्ली पुस्तक मेला-2025 के अवसर पर अद्विक प्रकाशन से प्रकाशित हरीश अरोड़ा के छठे कविता संग्रह ‘तुम्हारी चुप्पियाँ एक घोषणापत्र हैं’ के लोकार्पण के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित लीलाधर मंडलोई ने कहे।

उन्होंने यह भी कहा कि जीवन मे कई बार जो अनकहा रह जाता है कवि उसे अपनी कविता में शब्द देता है। हरीश की जीवन की चुप्पियाँ इस संग्रह में पूरी तरह से उभर कर आती दिखाई देती हैं। मैं उन्हें महसूस कर सकता हूँ।’

इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही वरिष्ठ गीतकार इंदिरा मोहन ने कहा कि हरीश अरोड़ा का यह कविता संग्रह सघन अनुभूतियों का सृजन है जिसका साध्य उसी में अंतर्निहित है। उन्होंने यह भी कहा कि इन संग्रह को पढ़ते हुए पाठक कविता की भाव तरंगों में बहता नहीं, ठहरता है और अंतर्मन में झाँकने को विवश हो जाता है जहाँ राग भी है, विराग भी। समकालीन कविता में अपनी कविताओं के माध्यम से गहरे तक दखल रखने वाले हरीश अरोड़ा ने अपनी कविता यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस संग्रह की कविताओं में चुप्पियों के वृत उन सभी परतों को खोल देता है जो विगत कई वर्षों के अनुभव का संसार है। लेकिन चुप्पियाँ ही अपने आप में एक अनुगूँज पैदा करता हैं।

कार्यक्रम के आरंभ में प्रो. रचना बिमल ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि हरीश अरोड़ा का कविता संसार समकालीनता से आगे का संसार है। इसे उत्तर समकालीन जीवन दृष्टि से देखा जा सकता है। कार्यक्रम में अपने विचार रखते हुए वरिष्ठ आलोचक अशोक मिश्र ने हरीश की कविताओं को चुप्पियों के भीतर से गूँजती आवाज की तरह माना। उन्होंने कहा कि इन कविताओं में हरीश अरोड़ा की पहले की कविताओं से बिल्कुल अलग तरह की शैली और गंभीरता है।

इस अवसर पर प्रो. सुधीर प्रताप सिंह ने हरीश अरोड़ा के इस संग्रह की कविताओं को एक यात्रा की तरह देखा। उनके अनुसार इस संग्रह की कविताओं में बैठी चुप्पियाँ जीवन के ठहराव में भी हलचल मचाती हैं। वे हरीश की कविता के एक उदाहरण से उसे अभिव्यंजित करते हैं – ‘यह संग्रह/उन शब्दों का घर है/जो दरवाजे की पीछे खड़े रहे/प्रतीक्षा में/कि कोई उन्हें पहचान ले/ कोई उन्हें सुन ले/कोई उन्हें स्वीकार कर ले।’ इस अवसर पर वरिष्ठ आलोचक ऋषि कुमार शर्मा ने हरीश अरोड़ा की कविताओं के संबंध में कहा कि इन कविताओं को पढ़कर हर पाठक के सौंदर्यबोध में वृद्धि होना लाज़मी है। उनकी कविताओं को आज की पीढ़ी के युवा प्रेम की वास्तविक भावना को समझ पाएंगे जो वर्तमान में एक विद्रूप रूप ले चुकी है।

इस अवसर पर ऑथर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के महासचिव डॉ. शिव शंकर अवस्थी ने हरीश अरोड़ा की कविताओं को जीवन के अनुभव का ऐसा बिम्ब बताया जो आज की कविता में नयेपन की अनुभूति कराता है।

इस अवसर पर संग्रह के प्रकाशक अशोक गुप्ता ने हरीश अरोड़ा को सम्मानित करते हुए कहा कि इनके पिछले तीन कविता संग्रहों के विभिन्न भाषाओं में अनुवाद की मांग के चलते निश्चित रूप से यह संग्रह भी जल्दी अनेक भाषाओं में अनूदित होकर आएगा। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ गीतकार सोनिया अक्स सोनम तथा अविरल अभिलाष ने किया। सोनिया अक्स सोनम ने संचालन के दौरान हरीश की कविताओं में आए नए बिंबों की तुलना ताज़ा फूलों की सुगंध से की। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन दिल्ली हिन्दी साहित्य सम्मेलन के संगठन मंत्री आचार्य अनमोल द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में दिल्ली और आस पास के क्षेत्रों के अनेक साहित्यकार, शोधार्थी और पत्रकार उपस्थित रहे। इनमें प्रो. रवि शर्मा, ओंकार त्रिपाठी, संदीप शर्मा, बीना मीणा, पवन कुमार, संदीप जिंदल, साक्षी सिंह, निधि शर्मा, दिनेश, नितेश, पूजा मुद्गल, सुषमा भण्डारी, नीरजा चतुर्वेदी, रुचि शर्मा, लोकेश, अमितेन्द्र, अनमोल, प्रणव, कृष्णा, कौशल आदि उपस्थित रहे।

Related Posts

पीपुल्स फोरम ऑफ इंडिया ने नए सचिवों की जिम्मेदारियाँ तत्काल प्रभाव से सौंपीं
  • adminadmin
  • September 15, 2025

एनआरआई कल्याण, मानवाधिकार, और खेल एवं संस्कृति के क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से नए सचिवों की नियुक्ति नई दिल्ली: पीपुल्स फोरम ऑफ इंडिया (PFI) ने, राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस. मनीमिज़ियन…

Continue reading
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून की कुछ धाराओं पर लगाई रोक, संसद के अधिकार को दी मान्यता
  • adminadmin
  • September 15, 2025

न्यायालय का संतुलित फैसला — अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा और सुधारों को आगे बढ़ाने दोनों पर दिया जोर नई दिल्ली, 15 सितंबर 2025: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वक्फ (संशोधन)…

Continue reading

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed

पीपुल्स फोरम ऑफ इंडिया ने नए सचिवों की जिम्मेदारियाँ तत्काल प्रभाव से सौंपीं

  • By admin
  • September 15, 2025
  • 49 views
पीपुल्स फोरम ऑफ इंडिया ने नए सचिवों की जिम्मेदारियाँ तत्काल प्रभाव से सौंपीं

सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून की कुछ धाराओं पर लगाई रोक, संसद के अधिकार को दी मान्यता

  • By admin
  • September 15, 2025
  • 25 views
सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून की कुछ धाराओं पर लगाई रोक, संसद के अधिकार को दी मान्यता

कश्मीर से दिल्ली के लिए पार्सल कार्गो ट्रेन की शुरुआत

  • By admin
  • September 15, 2025
  • 29 views
कश्मीर से दिल्ली के लिए पार्सल कार्गो ट्रेन की शुरुआत

एमईआरआई कॉलेज में दिल्ली पुलिस द्वारा वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

  • By admin
  • September 14, 2025
  • 24 views
एमईआरआई कॉलेज में दिल्ली पुलिस द्वारा वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

3rd दिल्ली राज्य पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप 2025 का सफल समापन, रिकॉर्ड भागीदारी दर्ज

  • By admin
  • September 14, 2025
  • 25 views
3rd दिल्ली राज्य पैरा स्विमिंग चैंपियनशिप 2025 का सफल समापन, रिकॉर्ड भागीदारी दर्ज

बौद्धिक संपदा का टोकनाइजेशन – नवप्रवर्तन का नया रास्ता

  • By admin
  • September 13, 2025
  • 38 views
बौद्धिक संपदा का टोकनाइजेशन –  नवप्रवर्तन का नया रास्ता