
प्रजा शांति पार्टी के अध्यक्ष और प्रसिद्ध ईसाई प्रचारक डॉ. के.ए. पॉल ने शनिवार को हैदराबाद में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई गंभीर आरोप लगाए और दो बड़े मामलों में न्यायिक हस्तक्षेप की जानकारी दी। उन्होंने राज्य सरकार और कुछ मीडिया चैनलों पर सीधा हमला करते हुए आरोप लगाया कि तेलंगाना की राजनीति और मीडिया, दोनों युवाओं और अल्पसंख्यकों के खिलाफ काम कर रहे हैं।
एचसीयू ज़मीन डील पर सवाल, कांग्रेस सरकार को घेरा
डॉ. पॉल ने बताया कि उन्होंने हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (HCU) की 400 एकड़ ज़मीन को लेकर तेलंगाना हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की है। उन्होंने इस डील को संदिग्ध बताते हुए कहा कि यह “लैंड माफिया” और सत्ता के गठजोड़ का नतीजा है।
मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी पर हमला करते हुए डॉ. पॉल बोले, “जहां ऑक्सफोर्ड और हार्वर्ड जैसी यूनिवर्सिटियाँ युवाओं के भविष्य के लिए संसाधन जुटाती हैं, वहीं हमारी सरकारें यूनिवर्सिटी की ज़मीन बेचने में लगी हैं। ये सौदे युवाओं के भविष्य के साथ धोखा हैं।”
उन्होंने सरकार पर यह आरोप भी लगाया कि अब नीतियाँ शिक्षा, रोज़गार या युवाओं के विकास के लिए नहीं, बल्कि तात्कालिक मुनाफे और निजी हितों के लिए बनाई जा रही हैं।
पादरी प्रवीण की रहस्यमयी मौत, सीबीआई जांच की मांग
डॉ. पॉल ने आंध्र प्रदेश के पादरी डॉ. प्रवीण पगडाला की मौत को लेकर बड़ा दावा करते हुए कहा कि उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग करते हुए आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
उन्होंने मीडिया पर भी तीखा हमला किया और कहा कि कुछ चैनलों ने जानबूझकर पादरी प्रवीण को बदनाम करने के लिए झूठे वीडियो चलाए। उन्होंने टीवी5 चैनल और उसके पत्रकार मूर्ति का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि फर्जी ‘आईजी’ का नाम इस्तेमाल करके जनता को गुमराह किया गया।
“यह हिंदू बनाम ईसाई का मामला नहीं है”
डॉ. पॉल ने स्पष्ट किया कि यह मुद्दा धार्मिक नहीं, बल्कि न्याय और सच्चाई का है। उन्होंने कहा, “मैं किसी भी मीडिया ट्रायल को बर्दाश्त नहीं करूंगा। भारत का संविधान इस तरह की साजिशों की इजाज़त नहीं देता। मैं हर झूठ को कोर्ट में उजागर करूंगा।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ कानून-प्रशासन से जुड़े लोग भी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं, जिनके खिलाफ वह जल्द सबूत पेश करेंगे।
भ्रष्टाचार और आर्थिक संकट पर चिंता
डॉ. पॉल ने भ्रष्टाचार और नीतिगत असफलताओं को तेलुगु राज्यों की आर्थिक बदहाली का कारण बताया। उन्होंने कहा कि जनता महंगाई और बेरोजगारी से त्रस्त है, लेकिन नेता सिर्फ अपनी संपत्ति बढ़ाने में लगे हैं।
“मैं न दबूंगा, न बिकूंगा”
अपने पूरे संबोधन में डॉ. पॉल के तेवर बेहद मुखर रहे। उन्होंने कहा, “आप मुझे चुप नहीं करा सकते। आप मुझे खरीद नहीं सकते। मैं 40 वर्षों से न्याय के लिए लड़ रहा हूं और जब तक ज़िंदा हूं, लड़ता रहूंगा।”
युवाओं को किया जागरूक रहने का आग्रह
अंत में डॉ. पॉल ने युवाओं से अपील की कि वे सच्चाई के साथ खड़े रहें, फर्जी खबरों और साजिशों से सावधान रहें और इस आंदोलन को व्यापक बनाएँ। उन्होंने कहा, “जागरूक युवा ही देश का भविष्य हैं — और यह लड़ाई आपके हक की है।”