
रजिस्ट्री दस्तावेजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए नया ऑफिस खोला जाएगा; विवाह पंजीकरण में फर्जीवाड़ा रोकने को लेकर बनाए गए सख्त नियम
नई दिल्ली, 7 जुलाई 2025
उत्तर प्रदेश सरकार जनता की सुविधा और पारदर्शिता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के तहत लगातार अहम फैसले ले रही है। इसी कड़ी में स्टांप एवं पंजीयन विभाग के स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री रवींद्र जायसवाल ने नई दिल्ली स्थित उत्तर प्रदेश सदन ‘त्रिवेणी’ में जानकारी दी कि गौतम बुद्ध नगर जिले के दादरी तहसील में एक नया रजिस्ट्री कार्यालय खोला जाएगा।
मंत्री ने बताया कि दादरी क्षेत्र में रजिस्ट्री का औसत दैनिक आंकड़ा पहले 100-150 था, जो अब बढ़कर लगभग 400 प्रतिदिन हो गया है। इस बढ़ती मांग को देखते हुए नया कार्यालय जनता की सुविधा के लिए स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के समय जहां पूरे प्रदेश में रजिस्ट्री दस्तावेज़ों की संख्या लगभग 16 लाख थी, वहीं अब यह संख्या बढ़कर करीब 52 लाख तक पहुंच चुकी है। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रदेश में निवेशकों और आम जनता का भरोसा सरकार पर बढ़ा है।
विवाह पंजीकरण में बढ़ते फर्जीवाड़े पर सख्त नियम लागू
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विवाह पंजीकरण की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि देखी गई है। जहां पहले प्रतिवर्ष 8,000 से 10,000 पंजीकरण होते थे, अब यह संख्या 30,000 के आसपास पहुंच गई है। जांच में सामने आया कि कुछ बाहरी राज्यों के लोग फर्जीवाड़ा कर उत्तर प्रदेश में विवाह पंजीकरण करवा रहे हैं।
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इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने नए और सख्त नियम लागू किए हैं, जिनके अनुसार:
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विवाह पंजीकरण तभी मान्य होगा जब वर-वधू में से कोई एक उत्तर प्रदेश का निवासी हो या विवाह यूपी में संपन्न हुआ हो।
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पंजीकरण उसी पते पर होगा जो वर-वधू या उनके अभिभावकों का सामान्य निवास हो।
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यदि परिवारजन उपस्थित नहीं हैं, तो विवाह संपन्न कराने वाले व्यक्ति की शपथ-पत्र के साथ उपस्थिति अनिवार्य होगी।
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अनरजिस्टर्ड किरायानामा निवास प्रमाण के रूप में मान्य नहीं होगा।
मंत्री ने कहा कि सरकार इन कदमों से पारदर्शिता बढ़ाने, फर्जीवाड़े पर रोक लगाने और जनता की सहूलियत सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयासरत है।
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