
“ठिकरी पहरा फिर से ज़रूरी, सरकार नाकाम”—बिट्टू ने पंजाब में बढ़ती हिंसा पर जताई चिंता, भगवंत मान सरकार को बताया ज़िम्मेदार
चंडीगढ़, 7 जुलाई 2025
रेलवे और खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री रवीनीत सिंह बिट्टू ने सोमवार को पंजाब की बिगड़ती क़ानून-व्यवस्था पर गहरी चिंता जताई और AAP सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने लोगों से ‘ठिकरी पहरे’ जैसी पुरानी जन-जागरूक पहलों को फिर से अपनाने की अपील की, यह कहते हुए कि अब पंजाब की जनता को अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी, क्योंकि “सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है।”
बिट्टू ने हाल ही में अबोहर में व्यापारी संजय वर्मा की दिनदहाड़े हत्या और मोगा में प्रसिद्ध डॉक्टर अनिलजीत कंबोज की टारगेटेड किलिंग को राज्य में बढ़ रही अराजकता का चिंताजनक संकेत बताया। “गैंगस्टर खुलेआम धमकियाँ दे रहे हैं, हत्याएँ कर रहे हैं, और बगैर किसी डर के घूम रहे हैं। आम लोग अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं,” — बिट्टू
उन्होंने कहा कि जब पंजाब की सड़कों पर खून बह रहा है, तब मुख्यमंत्री भगवंत मान राजधानी में अरविंद केजरीवाल के साथ विजय रैली का जश्न मना रहे हैं—जिसमें मासूम लोगों की मौतों पर एक शब्द तक नहीं कहा गया।
पूरे राज्य में फैला गैंग नेटवर्क
बिट्टू ने चेतावनी दी कि अब गैंगस्टर नेटवर्क हर जिले में सक्रिय है—यहां तक कि तरनतारण जैसे सीमावर्ती जिलों में भी, जहाँ हाल ही में एक नाबालिग को गुरुद्वारे के भीतर गोली मार दी गई। “अब हालात ऐसे हैं कि नाई, दर्जी, दुकानदार तक को फिरौती की धमकियां मिल रही हैं। एक गैंग को पैसा दो, तो दूसरा धमकी देने आ जाता है। यह पूर्ण अराजकता है।” — बिट्टू
पंजाब पुलिस और AAP नेताओं पर गंभीर आरोप
उन्होंने पंजाब पुलिस पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वे हर अपराध को बस लांडा हरिके या बिश्नोई गैंग पर डाल देते हैं, जबकि गांव-गांव में नए अपराधी नेटवर्क उभर रहे हैं।
बिट्टू ने AAP नेताओं पर गैंगस्टरों से सांठगांठ, नशा तस्करी, फिरौती वसूली, और भूमि कब्ज़ों में शामिल होने का भी आरोप लगाया। “यह अब कोई इक्का-दुक्का वारदात नहीं रही—पंजाब में एक ‘अंडरग्राउंड आतंक तंत्र’ बन चुका है। हालात मेक्सिको और कोलंबिया जैसे देशों से भी बदतर हो रहे हैं,” — बिट्टू
“ठिकरी पहरा” की वापसी का आह्वान
बिट्टू ने आम लोगों से संगठित होने की अपील की और कहा कि जैसे आतंकवाद के दौर में गांववाले रात को पहरा देते थे, अब उसी भावना से एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था लोगों को खुद करनी होगी। “अगर अब भी लोग नहीं जागे, तो निर्दोष जानें यूं ही जाती रहेंगी। सरकार नाकाम है, अब जनता को मोर्चा संभालना होगा।”
अंत में जन आंदोलन की अपील
बिट्टू ने यह कहते हुए अपनी बात समाप्त की कि पंजाब को इस गैंगस्टर संस्कृति के खिलाफ जन आंदोलन की ज़रूरत है—ताकि राज्य में कानून-व्यवस्था बहाल हो और सरकार को उसकी विफलता के लिए जवाबदेह ठहराया जा सके।