बुक व्यापार में ‘छोटा समूह’ बना रहा था बड़ा खेल, CCI की जांच में खुलासा — FPBAI पर गिरी गाज

#प्रणव गुप्ता की शिकायत पर हुआ बड़ा खुलासा: किताबों की कीमत तय करने वाला गुपचुप गठजोड़ बेनकाब

 

#FPBAI के तीन पदाधिकारियों पर अनुचित गतिविधियों के लिए लगाया जुर्माना

 

New Delhi , 3rd July , 2025

देश के पुस्तक व्यापार में एक बड़े ‘कार्टेल’ की परतें खुली हैं। कंपटीशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने किताबों और जर्नलों की सप्लाई और मूल्य निर्धारण में एक संगठित खेल उजागर किया है, जिसमें देश की नामचीन संस्था Federation of Publishers and Booksellers Associations in India (FPBAI) शामिल पाई गई है। CCI ने अपने आदेश में कहा कि FPBAI ने कुछ चुनिंदा किताब बेचने वालों को फायदा पहुंचाने के लिए नियम बनाए, जिससे बाकी व्यापारियों और ग्राहकों को नुकसान हुआ। CCI ने इसे प्रतिस्पर्धा के खिलाफ और छोटे व्यापारियों के हितों के विपरित पाया। CCI ने एक प्रकाशक प्रणव गुप्ता की याचिका पर FPBAI को इस तरह की गतिविधियों से रोकने के आदेश दिए हैं और जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई की सिफारिश की है। साथ ही FPBAI पर 2 लाख 56 हजार 649 रुपए और उसके तीन पदाधिकारियों (प्रदीप अरोड़ा 1 लाख, एससी सेठी 1 लाख 76 हजार 305 और प्रशांत जैन 1 लाख) पर अनुचित व्यापारिक गतिविधियों के लिए जुर्माना लगाया है।

क्या है मामला?

दिल्ली के प्रकाशक प्रणव गुप्ता ने CCI में शिकायत की थी कि FPBAI अपने एक सब-ग्रुप “GOC” के ज़रिए मुद्रा रूपांतरण दर
तय करता है। खासकर विदेशी किताबों की कीमत के लिए जो डॉलर, यूरो जैसी विदेशी मुद्राओं में आती हैं, उनकी रुपए में कीमत जानबूझकर ज्यादा तय की जाती थी, जो रिज़र्व बैंक द्वारा निर्धारित दर से 3-5% अधिक होती थीं। ये दरें हर महीने बताई जाती थीं और ज्यादातर व्यापारी इन्हें मानने को मजबूर होते थे। इसके अलावा FPBAI द्वारा पुस्तक बिक्री में छूट (discount) की सीमा भी तय की गई थी। साथ ही, उन सप्लायर्स के खिलाफ परोक्ष रूप से चेतावनी दी जाती थी जो FPBAI के सदस्य नहीं हैं —कई सरकारी पुस्तकालयों में तो केवल FPBAI से सम्बद्ध विक्रेताओं को ही ऑर्डर मिलते थे।

क्या होता था असर?

जो व्यापारी विदेश से किताब खरीदते थे, वो GOC की तय की हुई ज्यादा दर से किताबें बेचते थे। लेकिन जो किताबें खरीदने वाले थे — जैसे स्कूल, कॉलेज और लाइब्रेरी — वो कहते थे कि हम RBI की असली दर ही मानेंगे। ऐसे में छोटे व्यापारी को नुकसान होता था, वो महंगे में खरीदता था और सस्ते में बेचने को मजबूर होता था।

जांच में क्या निकला?

CCI ने जांच में पाया कि GOC द्वारा घोषित विदेशी मुद्रा दरें, आरबीआई से औसतन 3% अधिक थीं। ये दरें पुस्तकों के अंतिम मूल्य को प्रभावित करती थीं। कई विक्रेताओं ने गवाही में कहा कि उन्हें साफ कहा जाता था कि अगर GOC दरें नहीं अपनाईं, तो सदस्यता रद्द की जा सकती है। फरवरी 2021 में CCI ने FPBAI को छूट निर्धारण से दूर रहने को कहा था, पर इसके बावजूद छूट संबंधित दिशा-निर्देश कुछ वेबसाइट्स पर उपलब्ध रहे, जिन्हें FPBAI नियंत्रित करता या जिनसे उसका संबंध रहता। GOC द्वारा “स्वीकृत विक्रेताओं की सूची” जारी की जाती रही, जिससे गैर-सदस्यों के खिलाफ बाजार में परोक्ष भेदभाव होता रहा।

सिर्फ 10% व्यापारियों को फायदा

जांच में पता चला कि इस पूरी व्यवस्था से सिर्फ 10% सदस्य (जो विदेश से किताबें मंगवाते हैं) को फायदा हो रहा था। बाकी 90% को नुकसान झेलना पड़ता था। खुद FPBAI के कुछ सदस्य भी मानते हैं कि उन्होंने इस सिस्टम से नुकसान उठाया, लेकिन संगठन ने कुछ नहीं किया।

FPBAI का ये था जवाब

FPBAI का कहना था कि उनकी दरें सिर्फ सुझाव के तौर पर होती थीं, कोई ज़बरदस्ती नहीं करता था। उन्होंने कहा कि यह पुरानी परंपरा थी, जिससे व्यापार में आसानी होती थी। उन्होंने यह भी कहा कि किसी सदस्य पर दंड नहीं लगाया गया और कई पुस्तकालय स्वयं GOC दरें अपनाते हैं।

फैसला और प्रभाव

CCI ने कहा कि चाहे सुझाव हो या नहीं, अगर बाजार में इतने बड़े संगठन की बात मानी जा रही है और बाकी व्यापारी नुकसान झेल रहे हैं, तो यह गैर-कानूनी है। ये मूल्य निर्धारण की साजिश (Price Fixing)है और इससे प्रतिस्पर्धा (Competition) खत्म होती है। इस व्यवस्था से न केवल विक्रेताओं को नुकसान हुआ, बल्कि पुस्तकालयों और संस्थानों की भी लागत बढ़ी। CCI ने FPBAI को इस तरह की गतिविधियों से रोकने के आदेश दिए हैं और जिम्मेदार व्यक्तियों पर जुर्माना लगाने के साथ कार्रवाई की सिफारिश की है।

क्या होगा असर?

यह फैसला देश की 90000 करोड़ से भी ज्यादा की बुक इंडस्ट्री को प्रभावित करेगा। अब छोटी कंपनियों को बराबरी का मौका मिलेगा, और बड़ी संस्थाओं द्वारा ‘रेट तय करने’ जैसी प्रथा पर रोक लगेगी।

  • Related Posts

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया 15वें इंडियन हाउसवेयर शो 2025 का उद्घाटन, स्टील उद्योग को बताया भारत की ताकत

    तीन दिवसीय इस प्रदर्शनी में 130 से अधिक प्रदर्शक, देश-विदेश से 10,000 व्यापारी एवं आयातकों की सहभागिता की उम्मीद 13 जुलाई 2025, नई दिल्ली नई दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    अनुपम खेर और बोमन ईरानी काश्वी सिंह के 13वें जन्मदिन समारोह में पहुंचे

    • By admin
    • July 13, 2025
    • 15 views
    अनुपम खेर और बोमन ईरानी काश्वी सिंह के 13वें जन्मदिन समारोह में पहुंचे

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया 15वें इंडियन हाउसवेयर शो 2025 का उद्घाटन, स्टील उद्योग को बताया भारत की ताकत

    • By admin
    • July 13, 2025
    • 15 views
    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने किया 15वें इंडियन हाउसवेयर शो 2025 का उद्घाटन, स्टील उद्योग को बताया भारत की ताकत

    गुजरात में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, पालनपुर में इन्दिरा आईवीएफ का नया केंद्र

    • By admin
    • July 13, 2025
    • 38 views
    गुजरात में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, पालनपुर में इन्दिरा आईवीएफ का नया केंद्र

    डॉ. भार्गव मल्लप्पा को मिली राष्ट्रीय कमान, पीपुल्स फोरम में बदलाव की बयार

    • By admin
    • July 12, 2025
    • 28 views
    डॉ. भार्गव मल्लप्पा को मिली राष्ट्रीय कमान, पीपुल्स फोरम में बदलाव की बयार

    इन्दिरा IVF श्री गंगानगर फर्टिलिटी क्लिनिक का भव्य शुभारंभ राजस्थान में सेवाओं का विस्तार

    • By admin
    • July 12, 2025
    • 24 views
    इन्दिरा IVF श्री गंगानगर फर्टिलिटी क्लिनिक का भव्य शुभारंभ राजस्थान में सेवाओं का विस्तार

    प्रधानमंत्री मोदी ने रोज़गार मेला में 51,000 से अधिक युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र

    • By admin
    • July 12, 2025
    • 31 views
    प्रधानमंत्री मोदी ने रोज़गार मेला में 51,000 से अधिक युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र