
नई दिल्ली, 11 अप्रैल 2025:
भारत और यूरोपीय संघ ने सौर ऊर्जा क्षेत्र में अपने सहयोग को एक नए मुकाम पर पहुंचाया है। वैश्विक व्यापार में बढ़ती अनिश्चितता के बीच, सोलरपावर यूरोप और नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया (NSEFI) ने एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे सौर उपकरणों के निर्माण और तकनीकी सहयोग को मजबूती मिलेगी।
इस समझौते का उद्देश्य भारत और यूरोपीय संघ के बीच सौर निर्माण क्षेत्र में सहयोग को गहरा करना और एक मजबूत, विविध तथा लचीली वैल्यू चेन का निर्माण करना है। भारत जहां दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते सौर ऊर्जा बाजारों में शामिल है, वहीं यूरोप तकनीकी दक्षता और उच्च गुणवत्ता वाले सौर उत्पादों के लिए जाना जाता है। इस साझेदारी के जरिए दोनों पक्ष व्यापार, निवेश और तकनीकी ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देंगे।
सोलरपावर यूरोप के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर माटे हीस्ज़ ने कहा, “भारत और यूरोपीय संघ स्वच्छ प्रौद्योगिकी में स्वाभाविक साझेदार हैं। भारत वैश्विक सौर आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने में अहम भूमिका निभा रहा है। यह समझौता यूरोपीय कंपनियों को भारत में नए बाजार अवसर प्रदान करेगा और भारत के महत्वाकांक्षी सौर लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगा।”
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NSEFI के CEO सुब्रह्मण्यम पुलिपाका ने कहा, “यह सहयोग भारत और यूरोप दोनों के लिए ही नहीं, बल्कि वैश्विक जलवायु लक्ष्यों की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल करने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। यह साझेदारी सौर विनिर्माण को टिकाऊ और नवोन्मेषी दिशा देगी।”
यह समझौता सोलरपावर यूरोप की ‘इंटरनेशनल सोलर मैन्युफैक्चरिंग इनिशिएटिव (ISMI)’ के तहत हुआ है, जो वैश्विक स्तर पर उत्पादन और तकनीकी सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काम करता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, यह साझेदारी वैश्विक सौर आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने और नीति निर्माण में सहयोग को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।