
सांसद नवीन जिंदल की पहल पर 9 से 11 मई तक कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय ‘नवीन अवसर किसान कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का आयोजन नवीन जिंदल फाउंडेशन और IRMA ISEED के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है और इसमें कुरुक्षेत्र संसदीय क्षेत्र के किसानों एवं युवाओं की गहरी भागीदारी की उम्मीद है।
आधुनिक कृषि तकनीकों पर फोकस
इस समागम का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि पद्धतियों से अवगत कराना है। इसमें जैविक खेती के सिद्धांतों, स्मार्ट उपकरणों के उपयोग एवं कृषि-आधारित स्टार्टअप्स के अवसरों पर विशेषज्ञ मार्गदर्शन दिया जाएगा।
आय वृद्धि व ग्रामीण उद्यमिता
कार्यक्रम के दौरान किसान न केवल अपनी उपज की गुणवत्ता सुधारने बल्कि उससे आय बढ़ाने के तरीकों पर भी जानकारी प्राप्त करेंगे। ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार के विकल्प, ऋण–सब्सिडी संबंधी योजनाएँ और डिजिटल प्लेटफार्म का सदुपयोग जैसे विषय सत्रों का हिस्सा रहेंगे।
विशिष्ट सत्रों का स्वरूप
कॉन्क्लेव में निम्नलिखित प्रमुख विषयों पर गहन चर्चा होगी:
- प्राकृतिक एवं जैविक नियंत्रण तकनीकें
- प्रधानमंत्री फर्स्ट माइलेज एन्टरप्रेन्योर (PM-FME) योजना
- कीट प्रबंधन व जैविक उपाय
- एफपीओ (FPO) का विकास तथा इसे बाजार से जोड़ने की रणनीति
- डेयरी उद्योग की चुनौतियाँ एवं समाधान
- बीज उत्पादन, लाइसेंस प्रक्रिया और डीलरशिप मॉडल
- कृषि निर्यात के नए अवसर
- डिजिटल मार्केटिंग और ई–कॉमर्स प्लेटफार्म का उपयोग
किसानों को मिलेगा सम्मान
इस कार्यक्रम में क्षेत्र के उन्नत सोच वाले किसानों को “प्रगतिशील किसान” के खिताब से सम्मानित किया जाएगा। उनकी सफलताओं की कहानियाँ पेश कर अन्य किसानों को प्रेरित किया जाएगा, ताकि वे भी नवीन तकनीकों को अपनाकर बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकें।
सांसद नवीन जिंदल का संदेश
सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि ‘नवीन अवसर’ किसान कॉन्क्लेव किसानों को आधुनिक कृषि के नए आयामों से जोड़कर उनकी आमदनी बढ़ाने और ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर बनाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
मीडिया सलाहकार डॉ. राज कुमार का विचार
डॉ. राज कुमार ने बताया कि इस पहल के माध्यम से किसानों को सरकार की नवीनतम योजनाओं की जानकारी मिलेगी और वे उन्नत तकनीकों के साथ अपने खेतों का कायाकल्प कर सकेंगे।
‘नवीन अवसर’ किसान कॉन्क्लेव कृषि क्षेत्र में नवाचार, आत्मनिर्भरता और अवसरों की नई पहचान स्थापित करने की दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगा।