लोक सभा अध्यक्ष से मिले 13 देशों के प्रतिभागी, भारतीय विधायी प्रक्रिया की सराहना

संसदीय लोकतंत्र शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (PRIDE) द्वारा आयोजित 36वें अंतर्राष्ट्रीय विधायी प्रारूपण प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने वाले 13 देशों के 28 प्रतिभागियों ने आज लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिभागियों ने भारत की विधायी प्रक्रियाओं और संसद में उपयोग की जाने वाली अत्याधुनिक तकनीक की सराहना की।

विधायी प्रारूपण का महत्व

लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने इस अवसर पर कहा कि विधायी प्रारूपण किसी भी कानून की नींव होता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कानून को सरल और स्पष्ट भाषा में बनाया जाना चाहिए ताकि आम नागरिक उसे आसानी से समझ सकें। इससे न केवल न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या में कमी आएगी, बल्कि संसाधनों की भी बचत होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि बदलते वैश्विक सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य को देखते हुए विधि निर्माताओं और प्रशासनिक अधिकारियों को विधायी प्रारूपण की गहरी समझ होनी चाहिए। इससे संसद में सार्थक बहस को भी प्रोत्साहन मिलेगा और अधिक प्रभावी कानून बनाए जा सकेंगे।

भारतीय लोकतंत्र की प्रशंसा

इस कार्यक्रम में शामिल प्रतिभागियों ने भारतीय लोकतंत्र की विशालता और इसकी कार्यप्रणाली की प्रशंसा की। विशेष रूप से, संसद में लागू simultaneous interpretation तकनीक की भी सराहना की गई, जिससे विभिन्न भाषाओं के बीच सहज संचार संभव हो पाता है।

लोक सभा अध्यक्ष ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि PRIDE दुनियाभर के विधायकों और संसदीय अधिकारियों को प्रशिक्षण देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रभावी कानून निर्माण के लिए मजबूत विधायी प्रारूपण आवश्यक है और ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम इस दिशा में बेहद उपयोगी हैं।

लोक सभा अध्यक्ष से मिले 13 देशों के प्रतिभागी,
लोक सभा अध्यक्ष से मिले 13 देशों के प्रतिभागी,

प्रशिक्षण कार्यक्रम की विशेषताएँ

यह अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 26 मार्च से 22 अप्रैल 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। इसे भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (ITEC) योजना के तहत भारत सरकार के विदेश मंत्रालय द्वारा संचालित किया जा रहा है।

इस दौरान प्रतिभागियों को भारत के संविधान, विधायी प्रक्रिया, संसदीय विशेषाधिकार, प्रशासनिक कानून, उपभोक्ता संरक्षण और हाल ही में लागू किए गए नए आपराधिक कानूनों की जानकारी दी गई। उन्हें विधि एवं न्याय मंत्रालय तथा राज्य विधानमंडलों से भी जोड़ा जाएगा ताकि वे भारतीय विधायी प्रणाली को और गहराई से समझ सकें।

प्रतिभागियों का अनुभव

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत प्रतिभागियों ने लोक सभा और राज्य सभा की कार्यवाही को प्रत्यक्ष रूप से देखा। इसके अलावा, वे दिल्ली न्यायिक अकादमी और अन्य प्रमुख संस्थानों तथा ऐतिहासिक स्थलों का भी दौरा करेंगे।

भारत में आयोजित यह विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतरराष्ट्रीय विधायकों और प्रशासनिक अधिकारियों को भारतीय लोकतंत्र की कार्यप्रणाली से अवगत कराने और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।

  • Related Posts

    Waqf Bill: सुप्रीम कोर्ट का फैसला, वक्फ बोर्डों में नियुक्तियाँ नहीं, अगली सुनवाई तक रोक

      सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से आश्वासन लिया है कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वक्फ बोर्डों में किसी भी प्रकार की नियुक्तियाँ नहीं की जाएंगी। नए विवादास्पद…

    Continue reading
    जानसू रेल टनल का ब्रेकथ्रू ऐतिहासिक : केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव

    17 अप्रैल 2025 , नई दिल्ली – देश की सबसे लम्बी रेलवे टनल जानसू का हुआ ब्रेकथ्रू – आज ही दिन 16 अप्रैल 1853 को देश में संचालित हुई थी…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    You Missed

    Archery World Cup: गुरु काशी विश्वविद्यालय के छात्र ऋषभ यादव ने तीरंदाजी वर्ल्ड कप में जीता स्वर्ण पदक

    • By admin
    • April 18, 2025
    • 13 views
    Archery World Cup:  गुरु काशी विश्वविद्यालय के छात्र ऋषभ यादव ने तीरंदाजी वर्ल्ड कप में जीता स्वर्ण पदक

    Waqf Bill: सुप्रीम कोर्ट का फैसला, वक्फ बोर्डों में नियुक्तियाँ नहीं, अगली सुनवाई तक रोक

    Waqf Bill: सुप्रीम कोर्ट का फैसला, वक्फ बोर्डों में नियुक्तियाँ नहीं, अगली सुनवाई तक रोक

    जानसू रेल टनल का ब्रेकथ्रू ऐतिहासिक : केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव

    • By admin
    • April 17, 2025
    • 18 views
    जानसू रेल टनल का ब्रेकथ्रू ऐतिहासिक : केंद्रीय मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव

    डॉ. के.ए. पॉल ने पादरी प्रवीन पगडाला की संदिग्ध मौत पर की याचिका — सीबीआई जांच की मांग

    डॉ. के.ए. पॉल ने पादरी प्रवीन पगडाला की संदिग्ध मौत पर की याचिका — सीबीआई जांच की मांग

    न्यूरोकेमिस्ट्री और उभरते उपचार: न्यूरोसाइंस में चुनौतियाँ और अवसर” विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आज शुभारंभ

    न्यूरोकेमिस्ट्री और उभरते उपचार: न्यूरोसाइंस में चुनौतियाँ और अवसर” विषय पर दो दिवसीय संगोष्ठी का आज शुभारंभ

    एमईआरआई कॉलेज में दीपांकर एस. हलदर से उद्यमिता की सीख: छात्रों को मिला व्यावसायिक मार्गदर्शन

    एमईआरआई कॉलेज में दीपांकर एस. हलदर से उद्यमिता की सीख: छात्रों को मिला व्यावसायिक मार्गदर्शन