
स्वामी आत्मा नंबी के 70वें जन्मदिन के अवसर पर HRDS इंडिया द्वारा नई दिल्ली के जोर बाग स्थित मुख्यालय में एक भव्य आध्यात्मिक समारोह का आयोजन किया गया। इस विशेष कार्यक्रम में सैकड़ों श्रद्धालु, शिष्य और आध्यात्मिक साधक शामिल हुए, जिन्होंने स्वामी आत्मा नंबी के विचारों और सेवा भाव को सम्मानित करते हुए उनके संदेश को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया।
प्रार्थना, सत्संग और आध्यात्मिक प्रवचन
समारोह की शुरुआत सामूहिक प्रार्थना से हुई, जिसके बाद आध्यात्मिक सत्संग और प्रवचन का आयोजन किया गया। स्वामी आत्मा नंबी ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “सच्चा आनंद और शांति तब ही संभव है जब हम प्रेम, सेवा और आत्म-जागरूकता के मार्ग पर चलते हैं। हमें अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानकर जीवन को सार्थक बनाना होगा।”
उनकी शिक्षाओं से प्रेरित कई भक्तों ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि स्वामी आत्मा नंबी के मार्गदर्शन ने उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाए हैं।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर HRDS इंडिया के संस्थापक-सचिव अजी कृष्णन ने कहा, “स्वामी आत्मा नंबी केवल एक आध्यात्मिक गुरु नहीं, बल्कि एक प्रेरणास्रोत हैं, जो आत्म-जागरूकता और सेवा की दिशा में लोगों को आगे बढ़ने का मार्ग दिखाते हैं।”
समारोह में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. एम. चूबा एओ, मणिपुर के विधायक हाओखोलेट किपजेन, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी श्री एस. कृष्णकुमार, पूर्व हुडको चेयरमैन श्री रवि कांत सहित कई विशिष्ट अतिथि शामिल हुए।
इसके अलावा, जॉय मैथ्यू, बिजु कृष्णन, सरिता पी. मेनन, राहुल चंद्रन, संजीव भटनागर, रितु महलवाल, शालिना थापा, सुनील दत्त और अन्य कई प्रमुख हस्तियों ने इस आयोजन के सफल संचालन में योगदान दिया।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. एम. चूबा एओ, मणिपुर के विधायक हाओखोलेट किपजेन, पाओलियनलाल हाओकिप और चैनलुंथांग, भगवान सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी श्री एस. कृष्णकुमार, तथा पूर्व हुडको चेयरमैन एवं सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी श्री रवि कांत ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
संगीत और नृत्य ने बनाया माहौल भक्तिमय
कार्यक्रम का समापन भजन संध्या और शास्त्रीय नृत्य प्रस्तुति के साथ हुआ, जिसने पूरे वातावरण को भक्तिमय और आनंदमय बना दिया।
इस आयोजन के माध्यम से श्रद्धालुओं ने स्वामी आत्मा नंबी की शिक्षाओं को आत्मसात करने और आध्यात्मिक उत्थान के मार्ग पर आगे बढ़ने का संकल्प लिया।