DTC का बढ़ता घाटा और कुप्रबंधन उजागर, CAG की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

दिल्ली परिवहन निगम DTC की कार्यप्रणाली’ की निष्पादन लेखापरीक्षा पर भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक का वर्ष 2024 का लेखापरीक्षा प्रतिवेदन प्रस्तुत

भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (CAG) ने दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की कार्यप्रणाली पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा में प्रस्तुत की। इस रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि DTC की आर्थिक स्थिति अत्यधिक खराब है, जिससे उसकी सेवाओं पर गंभीर असर पड़ा है।

 घाटा बढ़ा, परिचालन घटा
CAG की रिपोर्ट के अनुसार, DTC लगातार घाटे में जा रहा है, लेकिन अपनी वित्तीय सेहत सुधारने के लिए कोई ठोस रणनीति नहीं बना पाया है। 2015-16 में ₹25,299.87 करोड़ का संचित घाटा 2021-22 में बढ़कर ₹60,741.03 करोड़ हो गया। वहीं, 814 निर्धारित बस रूट में से केवल 468 (57%) ही सक्रिय हैं, जिससे यात्रियों को खासी परेशानी हो रही है।

अधूरी योजनाएं और खराब प्रबंधन
रिपोर्ट में कई लंबित और विफल परियोजनाओं की ओर इशारा किया गया है:
इलेक्ट्रिक बसों की खरीद: 2021-23 के दौरान उपलब्ध बजट के बावजूद केवल 300 इलेक्ट्रिक बसें खरीदी गईं।
ऑटोमैटिक किराया कलेक्शन सिस्टम (AFCS): दिसंबर 2017 में शुरू हुई यह प्रणाली मई 2020 से निष्क्रिय पड़ी है।
सीसीटीवी सुरक्षा प्रणाली: 2021 में ₹52.45 करोड़ की लागत से 3,697 बसों में लगाए गए कैमरे 2023 तक पूरी तरह काम नहीं कर रहे थे।
स्टाफिंग संकट:अन्य श्रेणियों में कर्मचारियों की कमी के बावजूद अतिरिक्त कंडक्टरों को प्रशासनिक कार्यों में लगा दिया गया, जबकि उन्हें इसकी ट्रेनिंग नहीं दी गई थी।

बकाया भुगतान और नकदी संकट
DTC को सरकार से किराया, सेवा कर और जल शुल्क के रूप में ₹225.31 करोड़ की बकाया राशि नहीं मिली, जिससे वह गंभीर नकदी संकट में फंस गया।

CAG की सिफारिशें और सुधार की जरूरत
CAG ने दिल्ली सरकार को DTC के पुनरुद्धार के लिए कुछ अहम सुझाव दिए:
1. परिचालन को कुशल और लाभदायक बनाने के लिए ठोस अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जाएं।
2. भूमि के व्यावसायिक उपयोग जैसी नई आय स्त्रोत खोजकर वित्तीय स्थिति को मजबूत किया जाए।
3. बसों की मरम्मत और रखरखाव के लिए तेज़ी से कार्यवाही की जाए।
4. यात्री लोड फैक्टर का विश्लेषण कर बस मार्गों का पुनर्निर्धारण किया जाए।
5. DIMTS (दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मॉडल ट्रांजिट सिस्टम) और DTC के प्रदर्शन की तुलना कर सुधार की दिशा में काम किया जाए।
6. AFCS प्रणाली को शीघ्र पुनः क्रियान्वित किया जाए और बसों में लगे सीसीटीवी को कार्यशील बनाया जाए।
7. मानव संसाधन प्रबंधन को दुरुस्त किया जाए ताकि कर्मचारियों की क्षमता का सही उपयोग हो सके।

इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद DTC के प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं। दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन सेवा को कुशल और लाभदायक बनाने के लिए अब ठोस सुधारात्मक कदम उठाने की जरूरत है।

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