
नई दिल्ली, 23 मई 2025: वर्ल्ड बायो केयर्स हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WBCHO) के अध्यक्ष व Ebio Cares के संस्थापक डॉ. जसविंदर सिंह ने आज दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में की गई प्रेस वार्ता में केंद्र सरकार से कहा कि वह राजस्थान सरकार द्वारा लागू किए गए ‘इलेक्ट्रोपैथी मॉडल’ को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाए। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह पद्धति सस्ती, प्रभावशाली और सभी के लिए उपलब्ध स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करेगी।
राज्य इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड की स्थापना
डॉ. सिंह ने बताया कि राजस्थान सरकार ने 30 अप्रैल 2025 को एक अधिसूचना जारी कर राज्य इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड का गठन किया, जो 1 मई 2025 से लागू हो चुका है। इस पांच-सदस्यीय बोर्ड की अध्यक्षता आयुष विभाग के प्रमुख सचिव स्वयं करेंगे, जिनका कार्य शिक्षण, अनुसंधान तथा चिकित्सकों के पंजीकरण को विधिसम्मत रूप देना होगा।
अन्य राज्यों में भी उठी आवाज़
उत्तर प्रदेश में मत्स्य मंत्री डॉ. संजय निषाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक एवं आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्रा ‘दयालु’ से इलेक्ट्रोपैथी को मान्यता देने की चर्चा की, और सकारात्मक निर्णय की उम्मीद जताई। वहीं, हिमाचल प्रदेश की इलेक्ट्रो होम्योपैथी डेवलपमेंट एंड वेलफेयर सोसाइटी ने राज्य के स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल को ज्ञापन सौंपकर राजस्थान की तर्ज पर कानून बनाने की मांग की है।
तकनीकी नवाचार से स्वास्थ्य सेवा में क्रांति
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद आईटी एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञ डॉ. संदीप कुमार गुप्ता ने कहा कि पारंपरिक और पौधों पर आधारित इलेक्ट्रोपैथी प्रणाली में जटिल रोगों के उपचार की जबरदस्त संभावनाएँ हैं। यदि इसमें डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और एआई का समावेश किया जाए, तो निदान की सटीकता बढ़ेगी और उपचार की गुणवत्ता तथा पहुँच में सुधार होगा, जिससे दूरदराज़ के क्षेत्रों तक भी यह सेवा सरलता से पहुँच सकेगी।
अनुभवी चिकित्सक का रिकॉर्ड:
डॉ. जसविंदर सिंह ने उल्लेख किया कि उन्होंने इलेक्ट्रोपैथी से अब तक ऑटिज़्म, ADHD, सेरेब्रल पाल्सी और भाषा विकारों से पीड़ित हजारों रोगियों को लाभान्वित किया है, जो पारंपरिक उपचार से राहत नहीं पा सके थे।