एएससीआई और आईआईए दिल्ली चैप्टर ने खाद्य प्रसंस्करण एवं कृषि क्षेत्र में अप्रेंटिसशिप पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया

सम्मेलन में विशेषज्ञों ने साझा किए अनुभव, सफलता की कहानियाँ और सतत विकास का रोडमैप

नई दिल्ली, 29 अगस्त 2025

एग्रीकल्चर सेक्टर स्किल काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) ने इंडियन इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन (IIA) दिल्ली चैप्टर के साथ मिलकर, एनएसडीसी और एफआईसीएसआई के सहयोग से “खाद्य प्रसंस्करण उद्योग एवं कृषि क्षेत्र में अप्रेंटिसशिप के माध्यम से कौशल सुदृढ़ीकरण” विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन एनएएससी कॉम्प्लेक्स, पूसा, नई दिल्ली में किया।

कार्यक्रम की शुरुआत आईआईए की विशेष “जल संरक्षण संकल्प समारोह” से हुई, जिसमें गणमान्य अतिथियों ने जल संरक्षण के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता व्यक्त की।

आईआईए दिल्ली चैप्टर की राज्य अध्यक्षा डॉ. मम्तामयी प्रियदर्शिनी ने स्वागत भाषण देते हुए कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों के लिए मज़बूत कौशल पारिस्थितिकी तंत्र (ecosystem) के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया।

आईआईए के महासचिव श्री दीपक कुमार बजाज ने अपने संबोधन में कहा कि अप्रेंटिसशिप खाद्य एवं कृषि आधारित एमएसएमई को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर उद्योगों को मज़बूत करने का एक अनिवार्य साधन है।

आईआईए के सीईसी सदस्य डॉ. लक्ष्मीकांत पांडेय ने ग्रामीण सशक्तिकरण में कृषि-उद्यमिता की भूमिका पर प्रकाश डाला। वहीं, एएससीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. सत्येन्द्र आर्या ने कौशलयुक्त मानव संसाधन के निर्माण में एएससीआई की उपलब्धियों को साझा किया और परिषद की भावी कार्ययोजना प्रस्तुत की।

सम्मेलन के दौरान तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए। एनएसडीसी की विशेषज्ञ सुश्री आरती नंदी और सुश्री सृजिता दत्ता ने राष्ट्रीय अप्रेंटिसशिप प्रोत्साहन योजना (NAPS) की जानकारी दी। एफआईसीएसआई की सुश्री पुष्पिता राणा और एएससीआई के कर्नल पी.एस. गुप्ता ने अप्रेंटिसशिप के क्षेत्र में हासिल प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। ज़ेप्टो के श्री विनय माथुर और रेबेल फूड्स के श्री अमनराज ने उद्योग की सफलता की कहानियाँ साझा कीं।

इस अवसर पर आईआईए के विभिन्न चैप्टर्स से जुड़े सदस्यों और कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों के 40 से अधिक एमएसएमई प्रतिनिधियों ने भागीदारी दर्ज की।

धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत करते हुए डॉ. मम्तामयी प्रियदर्शिनी ने कहा, “यह सम्मेलन एक सार्थक मंच रहा, जिसने यह स्पष्ट किया कि अप्रेंटिसशिप भारत के युवाओं की कौशल खाई को पाटने, एमएसएमई को सशक्त करने और सतत विकास को गति देने में अहम भूमिका निभा सकती है।”

कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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