3 दिसंबर 2025
पीपुल्स फ़ोरम ऑफ़ इंडिया को एक बड़े प्रशासनिक परिवर्तन का सामना करना पड़ा है, क्योंकि संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रशासन प्रभारी डॉ. भार्गव मलप्पा ने अपने पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफ़ा दे दिया है। उन्होंने यह निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. एस. मणिमोझियान को भेजे अपने आधिकारिक पत्र में घोषित किया।
डॉ. मलप्पा ने पत्र में स्पष्ट किया कि वे संगठन के वैध संचालन एवं संरचना से संबंधित आवश्यक दस्तावेज़ लंबे समय से मांगते आ रहे थे, परंतु उपलब्ध न होने के कारण वे अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह ठीक से नहीं कर पा रहे थे। दस्तावेज़ों की अनुपस्थिति के कारण न तो वे सदस्यों के सवालों का जवाब दे पा रहे थे, और न ही संगठन की प्रगति में अपेक्षित योगदान दे पा रहे थे।
इस्तीफ़े के साथ उन्होंने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में अपने द्वारा की गई सभी आधिकारिक नियुक्तियों को भी नल एंड वॉइड घोषित कर दिया है। यह कदम उन्होंने किसी भी संभावित प्रशासनिक, कानूनी या परिचालन अस्पष्टता को रोकने के लिए उठाया है। इन नियुक्तियों को अब अमान्य माना जाएगा।
डॉ. मलप्पा ने यह भी स्पष्ट किया कि संगठन में उनके पदत्याग के बाद होने वाली किसी भी कार्रवाई—चाहे वह राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा की जाने वाली नियुक्तियाँ हों या अन्य निर्णय—के लिए वे किसी भी रूप में उत्तरदायी नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल के दौरान यदि किसी कार्रवाई की जानकारी उन्हें नहीं थी, तो उसकी जिम्मेदारी भी उन्हीं निर्णयकर्ताओं पर होगी।
उन्होंने संगठन में कार्य करने के अवसर के लिए आभार व्यक्त किया और कहा कि उनका इस्तीफ़ा पूरी तरह अंतिम और अपरिवर्तनीय है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि यदि भविष्य में संगठन के आवश्यक दस्तावेज़ उपलब्ध कराए जाते हैं, तो वे सुगम संक्रमण प्रक्रिया में सहयोग करने के लिए तैयार रहेंगे।
पीपुल्स फ़ोरम ऑफ़ इंडिया में यह विकास संगठन की प्रशासनिक संरचना पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व में यह बड़ा परिवर्तन माना जा रहा है।