
सेमीकंडक्टर डिज़ाइन केंद्रों और लर्निंग किट के ज़रिए भारत की सेमीकंडक्टर रणनीति को मिली नई गति
13 मई 2025, नई दिल्ली
भारत के सेमीकंडक्टर क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित करते हुए, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को नोएडा और बेंगलुरु में रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अत्याधुनिक डिज़ाइन केंद्रों का उद्घाटन किया। यह केंद्र भारत में 3 नैनोमीटर (3nm) चिप डिज़ाइन पर कार्य करने वाले पहले डिज़ाइन केंद्र हैं।
मंत्री वैष्णव ने इस अवसर पर कहा, “3nm पर डिज़ाइन करना वास्तव में अगली पीढ़ी की तकनीक का प्रतीक है। हमने 7nm और 5nm डिज़ाइन देखे हैं, लेकिन यह नई सीमा भारत को वैश्विक नवाचार मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करता है।”
उन्होंने भारत की समग्र सेमीकंडक्टर रणनीति की जानकारी दी, जिसमें डिज़ाइन, निर्माण, एटीएमपी (असेंबली, परीक्षण, मार्किंग और पैकेजिंग), उपकरण, रसायन और गैस जैसी आपूर्ति श्रृंखलाओं को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि एप्लाइड मटेरियल्स और लैम रिसर्च जैसी कंपनियों ने पहले से ही भारत में निवेश शुरू कर दिया है, जो उद्योग में विश्वास और गति को दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थापित यह डिज़ाइन केंद्र, देशभर में मौजूद इंजीनियरिंग प्रतिभा का उपयोग करते हुए भारत के सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत बनाएगा। वैष्णव ने कहा कि भारत सरकार इस पारिस्थितिकी तंत्र को आगे बढ़ाने के लिए सेमीकंडक्टर डिज़ाइन केंद्रों को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही है।
मंत्री ने सेमीकंडक्टर शिक्षा को लेकर भी बड़ी घोषणा की। उन्होंने एक नई सेमीकंडक्टर लर्निंग किट लॉन्च करने की जानकारी दी, जो देश के 270+ शैक्षणिक संस्थानों को दी जाएगी। ये संस्थान पहले ही भारत सेमीकंडक्टर मिशन के तहत ईडीए टूल्स से लैस किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, “यह सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर का एकीकरण है जो उद्योग-तैयार इंजीनियरों की नई पीढ़ी को तैयार करेगा। हम केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं, बल्कि दीर्घकालिक प्रतिभा विकास में निवेश कर रहे हैं।”
इस दौरान, मंत्री ने सीडैक और आईएसएम की टीम की प्रशंसा करते हुए भारत को वैश्विक सेमीकंडक्टर नेता बनाने के सरकार के संकल्प को दोहराया।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण की भी सराहना की और कहा कि केवल तीन वर्षों में भारत की सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एक प्रारंभिक चरण से एक उभरते वैश्विक केंद्र में परिवर्तित हो गई है।
मंत्री ने कहा, “स्मार्टफोन, लैपटॉप, मेडिकल डिवाइस, रक्षा और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की बढ़ती मांग के चलते, यह सही समय है जब भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण में आगे बढ़ना चाहिए।”
रेनेसास इलेक्ट्रॉनिक्स के सीईओ और एमडी, हिदेतोशी शिबाता ने कहा कि भारत अब कंपनी के लिए एक रणनीतिक आधारशिला बन चुका है। उन्होंने भारत में आर्किटेक्चर से लेकर परीक्षण तक एंड-टू-एंड सेमीकंडक्टर क्षमताओं को विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने यह भी बताया कि रेनैसास ISM और PLI जैसी सरकारी पहलों के ज़रिए 250 से अधिक शैक्षणिक संस्थानों और स्टार्टअप्स को सहयोग प्रदान कर रही है।
उन्होंने कहा कि भारत की प्रतिभा और भारत-जापान रणनीतिक साझेदारी वैश्विक सेमीकंडक्टर जीवनचक्र को पुनर्परिभाषित करने में मदद करेगी।