
एएसपी थियोफिलस मोंटी और उद्यमी च. वेंकटेश की पार्टी में एंट्री, भाजपा पर जातिगत पक्षपात और मुस्लिम-ईसाई बहिष्कार के गंभीर आरोप लगाए डॉ. पॉल
प्रजा शांति पार्टी (PSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अंतरराष्ट्रीय शांति राजदूत डॉ. के.ए. पॉल ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित आंध्र भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दो चर्चित हस्तियों—आंध्र प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) थियोफिलस मोंटी और अंतरराष्ट्रीय व्यवसायी च. वेंकटेश—का पार्टी में स्वागत किया।
थियोफिलस मोंटी ने हाल ही में अपनी पुलिस सेवा से त्यागपत्र देकर राजनीति में उतरने का निर्णय लिया है। उन्होंने प्रजा शांति पार्टी की जनसेवा व समावेशी विचारधारा को अपना प्रेरणास्त्रोत बताया। वहीं च. वेंकटेश, जो वैश्विक स्तर पर आर्थिक सलाहकार के रूप में सक्रिय रहे हैं, PSP की आर्थिक नीतियों को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाएंगे।
डॉ. पॉल ने इस मौके पर भाजपा की नीतियों पर भी तीखा प्रहार किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आंध्र प्रदेश में हालिया भाजपा नियुक्तियों में जातिगत संतुलन को दरकिनार कर केवल ऊँची जातियों को पद दिए गए हैं, जो भाजपा के ‘पिछड़ा वर्ग समर्थक’ दावे को झूठा साबित करते हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के 240 से अधिक सांसदों में एक भी मुस्लिम या ईसाई नहीं है, जिससे स्पष्ट होता है कि पार्टी समावेशिता के अपने दावों में असफल रही है।
डॉ. पॉल ने बताया कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कई प्रमुख नेता अपनी पार्टी से असंतुष्ट होकर अब प्रजा शांति पार्टी से जुड़ने की इच्छा जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि PSP देश की आर्थिक चुनौतियों, खासकर बढ़ती बेरोजगारी और राष्ट्रीय कर्ज के मुद्दों को गंभीरता से लेकर काम कर रही है।
डॉ. पॉल ने घोषणा की कि उनकी पार्टी विकेन्द्रीकृत औद्योगीकरण और रोजगार सृजन आधारित विकास मॉडल को लागू करेगी। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण भारत के 120 से अधिक वरिष्ठ नेता—जैसे गद्दरन्ना, डनमय्या, डी. रोसैया और डीजीपी एच.टी. शांगलिआना—अब तक प्रजा शांति पार्टी से जुड़ चुके हैं।
थियोफिलस मोंटी ने कहा,
“अब मैं सिर्फ एक अधिकारी नहीं, बल्कि एक देशभक्त के रूप में इस पार्टी का हिस्सा बना हूं। भारत की 60% युवा आबादी बेरोजगारी से जूझ रही है। इस देश को अब सिर्फ ईमानदार और निष्पक्ष नेतृत्व की आवश्यकता है, जो डॉ. पॉल और प्रजा शांति पार्टी दे सकते हैं।”
च. वेंकटेश ने भी पार्टी की सोच की सराहना करते हुए कहा,
“मैं राजनीति करने नहीं, नीति बनाने और देश को नई दिशा देने आया हूं। भारत को उन राजनीतिक दलों की ज़रूरत है, जो विशेषज्ञों और पेशेवरों को नेतृत्व का अवसर दें और असमानता दूर कर समावेशी विकास की राह पर आगे बढ़ें।”
डॉ. पॉल ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रजा शांति पार्टी सभी वर्गों, विशेषकर पिछड़े, दलित, अल्पसंख्यक और महिलाओं को नेतृत्व में प्राथमिकता देगी। साथ ही पूर्व सरकारी अधिकारियों और पेशेवरों के लिए भी पार्टी में खुले द्वार रहेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रजा शांति पार्टी सिर्फ एक राजनीतिक विकल्प नहीं, बल्कि एक नई राजनीतिक संस्कृति की शुरुआत है—जहाँ जाति, धर्म या वर्ग नहीं, बल्कि योग्यता और जनहित को प्राथमिकता मिलेगी।
पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों में कई सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बनाई है, और खुद को विफल हो चुकी पारंपरिक राजनीतिक पार्टियों का सशक्त विकल्प बनाने की दिशा में काम कर रही है।