
गुरुद्वारा साहिब परिसर में आयोजित CPR प्रशिक्षण ने समुदाय को जीवन रक्षक भूमिका के लिए किया तैयार
30 जून 2025, नई दिल्ली
दिल्ली के लाजपत नगर स्थित गुरु नानक सत्संग दरबार साहिब ने एक बार फिर यह सिद्ध किया कि गुरुद्वारे केवल पूजा स्थलों तक सीमित नहीं, बल्कि समुदाय सेवा और जागरूकता के जीवंत केंद्र भी हैं। इसी भावना को मूर्त रूप देते हुए गुरु नानक सत्संग दरबार ट्रस्ट और सबका डॉक्टर फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को एक व्यावहारिक CPR प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें क्षेत्र के 40 से अधिक परिवारों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।
कार्यशाला का उद्देश्य आम नागरिकों को हृदयाघात जैसी आपातकालीन स्थितियों में प्रथम उत्तरदाता (First Responder) की भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाना था। यह सत्र सुबह 9:30 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक चला और इसमें पुरुष, महिलाएं और युवा बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। प्रतिभागियों को CPR (कार्डियो-पल्मोनरी रिससिटेशन) की तकनीकें न केवल समझाई गईं, बल्कि AHA प्रमाणित प्रशिक्षकों द्वारा व्यावहारिक सत्रों और आपातकालीन सिमुलेशन के ज़रिए उन्हें इसका अभ्यास भी कराया गया।
“मूक दर्शक नहीं, जीवन रक्षक बनें”
डॉ. हरमीत सिंह, वरिष्ठ सदस्य, सबका डॉक्टर फाउंडेशन ने बताया, “हृदयाघात के दौरान पहले 4 से 7 मिनट ‘गोल्डन मिनट्स’ कहलाते हैं। इसी समय पर CPR देने से रोगी के बचने की संभावना तीन गुना तक बढ़ जाती है। जब हम आम नागरिकों को यह जीवन रक्षक कौशल सिखाते हैं, तो हम उन्हें मूक दर्शक से संभावित नायक में बदल रहे हैं।”
डॉ. राजू गुप्ता, बाल रोग विशेषज्ञ और फाउंडेशन के सलाहकार ने इसे चिकित्सकीय पहल से अधिक, सेवा का कार्य बताया। “गुरुद्वारा केवल उपासना का स्थान नहीं, बल्कि यह सेवा, शिक्षण और सुरक्षा का भी केंद्र है।”
गुरुद्वारा बना स्वास्थ्य सशक्तिकरण का मंच
ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री चरणजीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा, “हमारा मानना है कि किसी का जीवन बचाना मानवता की सबसे बड़ी सेवा है। ऐसे और भी सामाजिक रूप से उत्तरदायी कार्यक्रम हम आगे भी आयोजित करते रहेंगे।”
RWA अध्यक्ष और ट्रस्ट के न्यासी श्री एस.बी. सिंह ने इस आयोजन के लिए ट्रस्ट व फाउंडेशन की सराहना करते हुए कहा, “यदि हर परिवार से एक व्यक्ति भी CPR में प्रशिक्षित हो, तो वह आपात स्थिति में किसी का जीवन बचा सकता है। मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि वे ऐसे अभियानों में भाग लें।”
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प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया: CPR ने बदली सोच
प्रतिभागी गुरमोहित सिंह ने अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “यह सत्र न सिर्फ ज्ञानवर्धक, बल्कि आंखें खोल देने वाला भी था। आज मैंने जाना कि एक आम नागरिक भी जीवन रक्षक बन सकता है। मैं युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे CPR सीखें और समाज में सकारात्मक भूमिका निभाएं।”
मानवता की सेवा की ओर एक सशक्त कदम
यह कार्यशाला गुरुद्वारा साहिब के सामुदायिक सेवा मिशन का हिस्सा थी, जिसका उद्देश्य संगत को व्यावहारिक ज्ञान और आत्मविश्वास से सशक्त बनाना है। CPR प्रशिक्षण जैसी पहलें न केवल ज़िंदगियां बचा सकती हैं, बल्कि एक जागरूक, उत्तरदायी और आत्मनिर्भर समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
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