दिल्ली पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष पारुल सिंह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से की मुलाकात, देश में हो रहे पैरालंपिक पर की विस्तृत चर्चा

नई दिल्ली, 11 जुलाई 2025

दिल्ली राज्य पैरा ओलंपिक समिति की अध्यक्ष पारूल सिंह आज रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके नई दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने रक्षा मंत्री को उनके 74वें जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं और आगामी वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 को लेकर विस्तार से चर्चा की। गौरतलब है कि लखनऊ में जन्मीं पारूल सिंह दिल्ली पैरालंपिक समिति की अध्यक्ष भी हैं ।।
पारुल सिंह ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी को 27 सितंबर से 5 अक्टूबर 2025 के बीच जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित होने जा रही चैंपियनशिप में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का आमंत्रण भी दिया। यह आयोजन भारत में अब तक का सबसे बड़ा पैरा-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट होगा, जिसमें 100 से अधिक देशों से 1,000 से अधिक खिलाड़ी 186 पदक स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे।
राजनाथ सिंह ने इस आयोजन में अपनी उपस्थिति की पुष्टि करते हुए यह भी आश्वासन दिया कि रक्षा मंत्रालय और उसके स्वास्थ्य कार्यक्रम चैंपियनशिप को सफल बनाने में आवश्यक संसाधन और सहयोग प्रदान करेंगे।

रक्षा मंत्री ने पारुल सिंह के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने दिल्ली पैरा ओलंपिक समिति के ज़रिए इस वैश्विक आयोजन को एक ऐतिहासिक अवसर में बदलने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय आयोजन की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत सरकार के साथ पूरी तरह से सहयोग करेगा।

“रक्षा मंत्री से मिला यह समर्थन हमारे लिए एक बहुत बड़ा विश्वास है,” पारुल सिंह ने कहा। “यह न केवल पैरा खिलाड़ियों को सशक्त बनाने का अवसर है, बल्कि भारत की खेल संस्कृति में एक समावेशी बदलाव लाने का भी माध्यम बनेगा।”

इससे पहले, पारुल सिंह ने 7 जुलाई को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात की थी और अंतरराज्यीय सहयोग को लेकर चर्चा की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री को भगवान राम और माता सीता की पारंपरिक चित्रकला भेंट की थी, जो सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।

रक्षा मंत्री का समर्थन इस राष्ट्रीय आयोजन को नई दिशा और ऊर्जा देता है। पारुल सिंह के नेतृत्व और मंत्रालय के सहयोग से यह चैंपियनशिप न केवल खेल कौशल का प्रदर्शन करेगी, बल्कि समावेशिता और राष्ट्रीय गर्व की भावना को भी सुदृढ़ करेगी। अब जबकि आयोजन में तीन महीने से भी कम समय बचा है, यह चैंपियनशिप भारत के पैरा-स्पोर्ट्स इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बनने जा रही है।

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