
मध्यप्रदेश के ग्वालियर-भिंड से एक संवेदनशील मामला सामने आया ग्वालियर-भिंड क्षेत्र में पत्रकार शशिकांत गोयल ने गरीब व्यक्ति की मदद की, जिसके कारण उन्हें पुलिस द्वारा बर्बरता, धमकी और जबरन बयान लेने जैसी यातनाओं का सामना करना पड़ा। यह मामला पत्रकारिता की स्वतंत्रता पर एक बड़ा प्रहार है।
पत्रकार शशिकांत गोयल ने बताया अपनी आपबीती
01 मई 2025 को भिंड मेले के पास शशिकांत ने एक पुलिस आरक्षक द्वारा गरीब व्यक्ति की पिटाई देखी और हस्तक्षेप किया। इसके बाद उन्हें भिंड SP कार्यालय बुलाकर पुलिस अधिकारियों ने मारपीट की।
“ASI सतवीर सिंह ने मुझे SP ऑफिस में ले जाकर उपनिरीक्षक गिरीश शर्मा ने बिना कारण थप्पड़ मारा, चप्पल से पीटा और गालियां दीं। मुझसे जबरदस्ती ‘यस सर’ कहवाया गया और धमकी दी गई कि यदि मैं पुलिस से नहीं जुड़ूंगा तो झूठे मुकदमे में फंसा दिया जाएगा,” उन्होंने कहा।
दिल्ली जाते समय भी पुलिस ने रोका और जबरन वीडियो बनवाया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलने के लिए दिल्ली जा रहे पत्रकार को ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर रोका गया, भिंड SP बंगले ले जाकर जबरन वीडियो रिकॉर्ड करवाया गया।
अन्य पत्रकारों के साथ भी हुई पुलिसिया दुर्व्यवस्था
धर्मेन्द्र ओझा (न्यूज़ 24), अमर कांत सिंह चौहान (स्वराज एक्सप्रेस), शशिकांत गोयल (बेजोड़ रत्न), और प्रीतम सिंह (NTV भारत) को भी भिंड थाना में बुलाकर मोबाइल छीन लिए गए, वीडियो डिलीट किए गए और धर्मेन्द्र ओझा के साथ मारपीट की गई।
पत्रकारों ने आरोप लगाया कि भिंड SP असित यादव (सिंह) लगातार उन्हें धमका रहे हैं और झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश कर रहे हैं।

पीड़ित पत्रकारों की प्रमुख मांगें
- स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायिक जांच कराई जाए।
- उपनिरीक्षक गिरीश शर्मा, थाना प्रभारी शिव प्रताप सिंह सहित दोषियों पर FIR दर्ज कर कठोर कार्रवाई की जाए।
- पत्रकारों और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।
- मानसिक व शारीरिक यातना झेलने वाले पत्रकारों को मुआवजा दिया जाए।
- प्रदेश में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू किया जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
अब तक कोई कार्रवाई नहीं, संरक्षण का आरोप
शिकायतें भिंड कलेक्टर कार्यालय को सौंप दी गईं हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इससे यह संदेह बढ़ता है कि संबंधित अधिकारियों को प्रशासन या राजनीति से संरक्षण मिल रहा है।
आगे की कार्रवाई का एलान
यदि शीघ्र प्रभावी कदम नहीं उठाए गए, तो प्रदेश के पत्रकार संगठन राज्यव्यापी आंदोलन करेंगे। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हो रहे हमले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और पत्रकारों की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।