छत्तीसगढ़ में ग्रामीण विकास को नई दिशा देने के लिए केंद्रीय कृषि शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की उच्चस्तरीय बैठक

‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों’ की केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने की सराहना: ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में बताया क्रांतिकारी कदम
29 मई से शुरू होने जा रहा है ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ – श्री चौहान

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज मंत्रालय (महानदी भवन), रायपुर, छत्तीसगढ़ में पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा कृषि विभाग के कार्यों की व्यापक समीक्षा की। बैठक में राज्य और केंद्र की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन की स्थिति की समीक्षा की गई और भावी विकास रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया। केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता और प्रशासनिक कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य ने कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने के लिए उन्नत गांव और खुशहाल किसान की अवधारणा को सशक्त बनाना हमारी प्राथमिकता है।

 

बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘अमृत सरोवर’ योजना को स्थानीय आजीविका से जोड़ने की आवश्यकता बताई।

 

उन्होंने कहा कि इससे ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा और जलसंरक्षण की दिशा में ठोस परिणाम सामने आएंगे। राज्य सरकार के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत श्रमिक बजट के पुनरीक्षण का आश्वासन दिया। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की प्रगति की समीक्षा करते हुए उन्होंने स्वीकृत आवासों के शीघ्र निर्माण और हो रहे नये सर्वे के भौतिक सत्यापन पर बल दिया।

 

केन्द्रीय मंत्री श्री चौहान ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सराहना करते हुए विशेष रूप से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में संचालित नियद नेलानार योजना के अंतर्गत हो रहे निर्माण कार्यों की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह योजना विकास को राज्य के सुदूर और चुनौतीपूर्ण भूभागों तक पहुंचा रही है। केंद्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्राम पंचायतों में शुरू किए गए ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्रों’ की सराहना की और इसे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम बताया। उन्होंने सुझाव दिया कि इस नवाचार का अध्ययन कर इसे अन्य राज्यों में भी

 

लागू किया जाए।

 

कृषि क्षेत्र की समीक्षा करते हुए श्री चौहान ने कहा कि किसानों की आय वृद्धि के लिए केवल पारंपरिक खेती नहीं, बल्कि पशुपालन, बागवानी, मत्स्य पालन जैसे एलाइड क्षेत्रों में भी प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने वैज्ञानिक कृषि पद्धतियों, उन्नत बीजों, जैविक खेती और फसल चक्र अपनाने को प्रोत्साहित किया। केंद्र सरकार द्वारा शीघ्र शुरू किए जा रहे ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ की जानकारी देते हुए श्री चौहान ने बताया कि वैज्ञानिकों की टीम राज्य के विभिन्न जिलों का भ्रमण कर किसानों को व्यावहारिक और वैज्ञानिक कृषि तकनीकों का प्रशिक्षण देगी। उन्होंने राज्य सरकार से इस पहल में सक्रिय भागीदारी का आग्रह किया।

 

बैठक के समापन पर केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने विश्वास जताया कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कृषि एवं ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अभिनव प्रयोगों और प्रतिबद्धता के साथ छत्तीसगढ़ को विकास के नए शिखर पर पहुंचाएंगी।

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बैठक में कहा कि

 

छत्तीसगढ़ सरकार ग्रामीण विकास और कृषि को राज्य की रीढ़ मानती है। मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि केंद्र सरकार के सहयोग से राज्य के सुदूर और वंचित क्षेत्रों तक विकास की पहुंच बनाना एक साझी ज़िम्मेदारी है, जिसको पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार दृढ़ संकल्पित है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाना, डिजिटल सेवाओं को अंतिम छोर तक पहुंचाना और युवाओं को कौशल आधारित रोजगार देना ही वास्तविक सुशासन है।

इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, प्रमुख सचिव पंचायत विभाग श्रीमती निहारिका बारिक, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, भारत सरकार के भूमि संसाधन विभाग के अपर सचिव श्री आर. आनंद, ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव श्री अमित शुक्ला, कृषि मंत्रालय के सलाहकार श्री नवीन कुमार विद्यार्थी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, लोक निर्माण विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

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