
गुजरात में पहला रामालय अनुभव केंद्र वडोदरा हवाई अड्डे के सुरक्षा होल्ड क्षेत्र (SHA) में आज शुरू किया गया। यह पहल भारत के प्रमुख लक्ज़री अगरबत्ती ब्रांड जेपीएसआर प्रभु श्रीराम द्वारा शुरू की गई है, जो यात्रियों को भारत की सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ने का एक अनूठा सुगंधित अनुभव प्रदान करती है।
इस अनुभव केंद्र का उद्घाटन गुजरात विधानसभा के भाजपा मुख्य सचेतक एवं विधायक श्री बालकृष्ण शुक्ला द्वारा किया गया। उन्होंने कहा, “रामालय भारत की आत्मा को एक अद्वितीय और अनुभवात्मक रूप में जीवंत करता है। यह गुजरात और भारत की उस मूल भावना को प्रदर्शित करता है जो आध्यात्मिक, दिव्य और समग्र रूप से पूरे विश्व का मार्गदर्शन करने के लिए तत्पर है। वडोदरा हवाई अड्डा इस सांस्कृतिक पहल का हिस्सा बनकर गर्वित है।”
रामायण से प्रेरित लक्ज़री अगरबत्तियाँ और सांस्कृतिक अनुभव
यह रामालय अनुभव केंद्र, जेपीएसआर के मिशन का हिस्सा है, जो भारत की आध्यात्मिक और कलात्मक धरोहर को सुगंध और अनुभवों के माध्यम से पुनर्जीवित करने का कार्य करता है। यहां यात्री भारत की आत्मा से जुड़ने का अवसर प्राप्त करेंगे, जिसमें लक्ज़री अगरबत्तियों का संग्रह और सांस्कृतिक कथा-कहानियाँ शामिल हैं।
जेपीएसआर प्रभु श्रीराम द्वारा परिकल्पित रामायण संग्रह, प्राचीन 1000 साल पुरानी मधुबनी चित्रकला परंपरा से प्रेरित है और माँ सीता की जन्मभूमि मिथिला से जुड़ा हुआ है। हर संग्रह में पवित्र कथाएँ, दिव्य चित्र और विशिष्ट सुगंधों का सम्मिलन होता है, जो रामायण की शिक्षाओं और कहानियों को एक अद्वितीय रूप में प्रस्तुत करते हैं।

विशेष संग्रहों की सूची
-
कन्नौज संग्रह – भारत की इत्र नगरी कन्नौज की समृद्ध सुगंध परंपरा को दर्शाने वाला यह संग्रह पारंपरिक हस्तनिर्मित अगरबत्तियों की सुगंध से सुसज्जित है।
-
एलोरा परफ्यूम लाइन (आगामी) – भारतीय कला और मंदिर परंपराओं से प्रेरित एक आधुनिक एवं पौराणिक सुगंध संग्रह।
भारत की सांस्कृतिक धरोहर का वैश्विक विस्तार
इस अवसर पर मोड रिटेल्स सेल्स एंड मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड के सीएमडी और रामालय फाउंडेशन के संस्थापक, श्री प्रशांत कुमार ने कहा, “रामालय, भारत की समृद्ध आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को सुगंध कला के माध्यम से प्रस्तुत करने का हमारा प्रयास है। हवाई अड्डे आज के युग के मंदिर हैं – जहां विचार यात्रा करते हैं और हम आत्मा को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। रामायण-प्रेरित अगरबत्तियों और भारत की प्राचीन कलाओं के माध्यम से हम यात्रियों को एक गहरा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य भारत और दुनिया के प्रमुख हवाई अड्डों पर रामालय अनुभव केंद्र स्थापित करना है, जिससे वैश्विक दर्शकों को भारत की आत्मा को सुगंध और सांस्कृतिक कथाओं के माध्यम से अनुभव करने का अवसर मिले।”
रामालय का लक्ष्य भारत की कला, संस्कृति, संस्कार और मूल्यों को युवाओं और समाज में फैलाना है, जिससे यह भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में भारतीय आध्यात्मिकता और कलात्मक उत्कृष्टता का प्रतीक बने। रामालय, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के ‘विश्व गुरु भारत’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।