
वर्ल्ड एक्सपो-2025 में इंडिया पवेलियन बना आकर्षण का केंद्र, जापानी दर्शकों को भारतीय तकनीक और इंजीनियरिंग ने किया मंत्रमुग्ध
ओसाका (जापान), 9 जुलाई 2025
वर्ल्ड एक्सपो-2025 में भारत की तकनीकी प्रगति और रेलवे नवाचारों ने वैश्विक मंच पर शानदार छाप छोड़ी है। जापान के ओसाका में चल रहे इस भव्य आयोजन में भारत का पवेलियन लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जहां वंदे भारत एक्सप्रेस और चिनाब ब्रिज प्रमुख आकर्षण बने हैं।
भारतीय प्रवासियों के साथ-साथ बड़ी संख्या में जापानी नागरिक भी भारतीय पवेलियन का रुख कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश दर्शक वंदे भारत ट्रेन की अत्याधुनिक विशेषताओं और चिनाब ब्रिज की अभूतपूर्व इंजीनियरिंग क्षमता से प्रभावित नजर आ रहे हैं।
वंदे भारत ने जीता दिल, बदली भारत की रेल पहचान
वंदे भारत एक्सप्रेस की एयरोडायनामिक डिजाइन, इनबिल्ट सेफ्टी सिस्टम और सेमी हाई-स्पीड क्षमता ने तकनीक-प्रेमियों का ध्यान खींचा है। जापानी दर्शक यह जानकर हैरान हैं कि अब भारत में इतनी आधुनिक और तेज़ रफ्तार ट्रेनें नियमित रूप से चलाई जा रही हैं।
वर्तमान में देशभर में लगभग 140 वंदे भारत ट्रेनें संचालित हो रही हैं, जो वरिष्ठ नागरिकों, छात्रों और महिलाओं के बीच खासतौर पर लोकप्रिय हैं। इसमें वातानुकूलित कोच, स्वचालित दरवाजे, बायो-टॉयलेट्स, जीपीएस आधारित सूचना प्रणाली, ऑनबोर्ड कैटरिंग, वाई-फाई, और सीसीटीवी सुरक्षा जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएं यात्रियों को एक प्रीमियम रेल अनुभव प्रदान कर रही हैं।
यह भी पढ़ें : शोक की घड़ी में भी कर्तव्यनिष्ठा: रेल मंत्री ने की एलसी गेट सुरक्षा की महत्वपूर्ण समीक्षा
चिनाब ब्रिज: विश्व का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज, भारत की इंजीनियरिंग शक्ति का प्रतीक
भारतीय पवेलियन में चिनाब ब्रिज का 3D प्रेजेंटेशन और इंटरएक्टिव मॉडल इंजीनियरिंग छात्रों और तकनीकी विशेषज्ञों को खास तौर पर आकर्षित कर रहा है। यह पुल न केवल निर्माण की दृष्टि से एक कठिन चुनौती थी, बल्कि इसकी सफलता भारत की इंजीनियरिंग दक्षता का प्रमाण है। यह जम्मू-कश्मीर की दुर्गम घाटियों में कनेक्टिविटी और सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है।
भारत की वैश्विक साख का प्रतीक बना एक्सपो पवेलियन
13 अप्रैल से 13 अक्टूबर 2025 तक चलने वाले वर्ल्ड एक्सपो-2025 में भारत को अपनी उपलब्धियों और नवाचारों को प्रदर्शित करने का एक बेहतरीन मंच मिला है। भारतीय रेलवे की लोकप्रियता और प्रशंसा इस बात की पुष्टि करती है कि भारत की प्रगति को अब विश्वभर में गौरव और उत्सुकता की दृष्टि से देखा जा रहा है।
यह भी पढ़ें : 125वीं जयंती पर राष्ट्र ने किया बाबू सत्यानारायण सिन्हा को श्रद्धापूर्वक नमन