
नई दिल्ली , 12 जुलाई 2025
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोज़गार मेला को संबोधित किया और विभिन्न सरकारी विभागों व संगठनों में नवनिर्वाचित 51,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र वितरित किए। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह अवसर इन युवाओं के लिए भारत सरकार के विभिन्न विभागों में नई जिम्मेदारियों की शुरुआत है। उन्होंने युवाओं को बधाई देते हुए जोर दिया कि भले ही उनकी भूमिकाएँ अलग हों, उनका साझा लक्ष्य “नागरिक पहले” के सिद्धांत के साथ राष्ट्रीय सेवा है।
प्रधानमंत्री ने भारत की जनसांख्यिकीय और लोकतांत्रिक ताकत को देश की सबसे बड़ी पूंजी बताया। उन्होंने कहा कि विश्व की सबसे बड़ी युवा आबादी और लोकतंत्र के साथ भारत में वैश्विक मंच पर भविष्य को आकार देने की अनूठी क्षमता है। उन्होंने हाल की पाँच देशों की यात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि वहाँ भारत की युवा शक्ति की गूंज स्पष्ट थी। इस दौरे में रक्षा, फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटल प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और खनिज जैसे क्षेत्रों में हुए समझौते युवाओं के लिए नए अवसर लाएँगे।
श्री मोदी ने 21वीं सदी में नौकरियों की बदलती प्रकृति पर प्रकाश डाला और नवाचार, स्टार्टअप और अनुसंधान के बढ़ते पारिस्थितिकी तंत्र को युवाओं को सशक्त बनाने वाला बताया। उन्होंने हाल ही में शुरू की गई रोज़गार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना का उल्लेख किया, जिसके तहत निजी क्षेत्र में पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को 15,000 रुपये की सहायता दी जाएगी। इस योजना के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे 3.5 करोड़ नए रोज़गार सृजित होने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री ने विनिर्माण क्षेत्र को भारत की आर्थिक प्रगति और रोज़गार सृजन का आधार बताया। मेक इन इंडिया और पीएलआई योजना के तहत 11 लाख से अधिक नौकरियाँ सृजित हुई हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण 11 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचा है, और मोबाइल फोन निर्माण इकाइयाँ 2-4 से बढ़कर 300 हो गई हैं। रक्षा विनिर्माण में भारत का उत्पादन 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में 40 बिलियन डॉलर का निवेश आया है।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों में 90 करोड़ से अधिक नागरिक कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं। पीएम आवास योजना, स्वच्छ भारत, उज्ज्वला योजना, और सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना जैसी पहलों ने लाखों रोज़गार सृजित किए हैं। नमो ड्रोन दीदी और लाखपति दीदी जैसी योजनाओं ने ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाया है।
श्री मोदी ने कहा कि देश 3 करोड़ लाखपति दीदियों का मिशन आगे बढ़ा रहा है, और 1.5 करोड़ महिलाएँ पहले ही इस मुकाम को हासिल कर चुकी हैं। बैंक सखी, बीमा सखी, कृषि सखी और पशु सखी जैसी योजनाओं ने महिलाओं को स्थायी रोज़गार खोजने में सक्षम बनाया है। उन्होंने उल्लेख किया कि पीएम स्वनिधि योजना ने सड़क विक्रेताओं और फेरीवालों को औपचारिक सहायता प्रदान की है, जिससे लाखों लोग मुख्यधारा की आर्थिक गतिविधियों में शामिल हुए हैं। साथ ही, पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों और सेवा प्रदाताओं को प्रशिक्षण, उपकरण और ऋण तक पहुँच प्रदान करके पुनर्जनन कर रही है।
श्री मोदी ने कहा कि इन असंख्य योजनाओं के प्रभाव के कारण ही पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं, और विश्व बैंक जैसे संस्थान भारत की समानता की प्रशंसा कर रहे हैं। उन्होंने इसे विकास का महायज्ञ बताते हुए युवाओं से इस मिशन को आगे बढ़ाने का आह्वान किया। अंत में, “नागरिक देवो भव” के सिद्धांत के साथ, उन्होंने नए नियुक्त युवाओं को उज्ज्वल और सार्थक भविष्य की शुभकामनाएँ दीं।