बीडब्ल्यूए कॉन्फ्रेंस में नीति निर्माताओं ने वीडीए विनियमन को दिया समर्थन

भारत के VDA इकोसिस्टम के औपचारिक निगरानी ढांचे की दिशा में स्व-नियमन को मिला शुरुआती समर्थन

नई दिल्ली, भारत, 30 जुलाई 2025

भारत में अग्रणी वेब3 प्रौद्योगिकी कंपनियों के शीर्ष संगठन, भारत वेब3 एसोसिएशन (बीडब्ल्यूए) ने द डायलॉग, एक प्रमुख प्रौद्योगिकी नीति थिंक टैंक के साथ साझेदारी में, 100-दिवसीय क्रिप्टो एस.ए.एफ.ई. (सिक्योर एसेट एंड फाइनेंशियल एजुकेशन) अभियान के समापन समारोह का आयोजन किया । यह एक ऐतिहासिक पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के तेजी से बढ़ते वर्चुअल डिजिटल एसेट (वीडीए) परिदृश्य में उपभोक्ता जागरूकता को मजबूत करना है। “सेक्योरिंग द फ्यूचर ऑफ वेब3: बिल्डिंग ट्रस्ट, सेफ्टी, एंड अवेयरनेस इन इंडिया’ज़ क्रिप्टो इकोसिस्टम” शीर्षक से आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में नीति निर्माताओं और उद्योग के प्रमुख विचारों को एक मंच पर लाया गया।

इस आयोजन में कई वरिष्ठ नीति निर्माताओं ने हिस्सा लिया, जिनमें श्री रोहित कुमार सिंह (सदस्य, एनसीडीआरसी और पूर्व सचिव, उपभोक्ता मामले), सुश्री कनिका वाधवान (संयुक्त निदेशक, एफएटीएफ सेल, वित्त मंत्रालय), श्री राकेश माहेश्वरी (पूर्व वरिष्ठ निदेशक, मेइटी), और डॉ. ए. दामोदरन (आईआईएम बैंगलोर और आईसीआरआईईआर) शामिल थे। इसके अलावा, वेब3 क्षेत्र के संस्थापक, व्यापारिक नेता और बीडब्ल्यूए के सदस्य भी उपस्थित रहे।

मुख्य भाषण में श्री रोहित कुमार सिंह ने चर्चा का आधार रखा:
“कर लगाना जवाब नहीं है, बल्कि सही विनियमन इसका समाधान है। हमें इस चुनौती का सामना दृढ़ता से करना होगा। नवाचार की गति हमेशा तेज रहती है, इसलिए सरकार और नियामकों को भी उसी तेजी से कदम बढ़ाने होंगे।”

उन्होंने स्व-नियामक संगठनों (एसआरओ) को शुरुआती कदम के रूप में अपनाने की बात कही, जो विनियमन का विकल्प नहीं, बल्कि उसकी नींव हो सकता है। उन्होंने भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) जैसे सफल उदाहरणों का हवाला देते हुए कहा, “पहले स्व-नियमन को अपनाएं।”
सुश्री कनिका वाधवान ने वित्तीय प्रणाली को मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध गतिविधियों से बचाने के लिए एफएटीएफ मानकों के साथ सख्त अनुपालन पर जोर दिया, ताकि उपभोक्ताओं का संरक्षण सुनिश्चित हो।

इन विचारों को आगे बढ़ाते हुए, डॉ. दामोदरन, राकेश माहेश्वरी और बीडब्ल्यूए के अध्यक्ष दिलीप चेनॉय ने एक पैनल चर्चा में हिस्सा लिया, जिसमें जिम्मेदार वेब3 शासन के प्रमुख पहलुओं जैसे जोखिम कम करने, प्लेटफॉर्म की जवाबदेही, और आपात स्थिति में प्रतिक्रिया तंत्र पर विचार-विमर्श हुआ। इस चर्चा का संचालन जागरण न्यू मीडिया की वरिष्ठ संपादक और एजीएम सुश्री उर्वशी कपूर ने बखूबी किया।

डॉ. दामोदरन ने सक्रिय नीति निर्माण पर बल दिया:
“वेब3 के युग में भारत केवल दर्शक नहीं रह सकता। हमें ऐसी नीतियां बनानी होंगी जो हमारी प्रौद्योगिकी महत्वाकांक्षाओं के अनुरूप हों।”

राकेश माहेश्वरी ने साइबरसुरक्षा की अहमियत पर प्रकाश डाला:
“साइबरसुरक्षा सबसे पहले व्यवसायों की जिम्मेदारी है,” उन्होंने कहा, और प्लेटफार्मों से सीईआरटी-इन दिशानिर्देशों को लागू करने और शुरू से ही गोपनीयता और विश्वास को प्राथमिकता देने की सलाह दी।

उन्होंने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य प्रौद्योगिकी को नियंत्रित करना नहीं, बल्कि इसके दुरुपयोग को रोकना है।”

उद्योग की ओर से, बीडब्ल्यूए के अध्यक्ष दिलीप चेनॉय ने वेब3 क्षेत्र की तेज प्रगति और इसके आर्थिक प्रभाव को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि 2024 में भारत के वेब3 इकोसिस्टम ने 564 मिलियन डॉलर की फंडिंग हासिल की, जो पिछले वर्ष की तुलना में 109% अधिक है, और कुल फंडिंग 3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई।

बीडब्ल्यूए कॉन्फ्रेंस में नीति निर्माताओं ने वीडीए विनियमन को दिया समर्थन

चेनॉय ने नियामक स्पष्टता की मांग की और कहा,
“भारत का वेब3 क्षेत्र 2024 में 564 मिलियन डॉलर जुटाने में सफल रहा, जो पिछले साल से 109% अधिक है। हम पूरी छूट नहीं मांग रहे, बल्कि एक स्थिर और स्पष्ट नीतिगत ढांचा चाहते हैं।”

उन्होंने स्व-नियामक ढांचे को औपचारिक विनियमन की दिशा में एक ठोस कदम बताया, जो जिम्मेदार व्यवहार को प्रदर्शित कर नीति निर्माताओं और उपभोक्ताओं का विश्वास जीत सकता है।

उन्होंने यह भी उजागर किया कि पिछले वर्ष वैश्विक स्तर पर नए वेब3 निर्माताओं में 17% भारत से थे, जिसके चलते भारत ने वेब3 निर्माताओं की कुल संख्या में संयुक्त राज्य को पीछे छोड़ दिया। 1,200 से अधिक स्टार्टअप्स और पिछले दो वर्षों में कर संग्रह में 63% की वृद्धि के साथ, चेनॉय ने भारत के वेब3 क्षेत्र की आर्थिक ताकत और संभावनाओं को रेखांकित किया।

मुख्य निष्कर्ष: भारत के वेब3 मार्ग को चिह्नित करना
* शिक्षा है पहला कवच: स्कूल स्तर पर वित्तीय और वेब3 साक्षरता को बढ़ावा दें, और स्थानीय भाषाओं में सामग्री के जरिए गलत सूचनाओं का मुकाबला करें।
* एसआरओ से शुरुआत: स्व-नियामक संगठन नवाचार और निगरानी के बीच की दूरी को कम करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
* संतुलित नियामक दृष्टिकोण: अत्यधिक नियमों से बचते हुए नियामक, प्लेटफॉर्म और उपयोगकर्ताओं के बीच सहयोग को बढ़ावा दें, ताकि नवाचार और उपभोक्ता सुरक्षा दोनों सुनिश्चित हों।

भारत जैसे-जैसे क्रिप्टो अपनाने और वेब3 विकास में अग्रणी बना रहेगा, वैसे-वैसे विकास और शासन के बीच सही संतुलन बनाना उसका अगला लक्ष्य होगा।

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