स्व. श्री महेश चंद्र शर्मा स्मृति शिक्षक सम्मान’ से सम्मानित हुए प्रो. हरीश अरोड़ा

हिंदी भवन में आयोजित समारोह में सांसद योगेंद्र चंदोलिया व अन्य गणमान्य अतिथियों ने किया सम्मान प्रदान

नई दिल्ली: हिंदी के पुरोधा और दिल्ली के पूर्व मेयर स्वर्गीय श्री महेश चंद्र शर्मा की स्मृति में स्वर्गीय श्री महेश चंद्र शर्मा स्मृति न्यास द्वारा हिंदी भाषा और साहित्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहे शिक्षकों को हिंदी भवन में स्व. श्री महेश चंद्र शर्मा स्मृति शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर दिल्ली के पीजीडीएवी कॉलेज (सांध्य) के हिंदी विभाग के अध्यक्ष और वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. हरीश अरोड़ा को यह सम्मान प्रदान किया गया। उन्हें यह सम्मान दिल्ली के सांसद और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि योगेंद्र चंदोलिया, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ राजनीतिज्ञ मूल चंद चावला तथा विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित दिल्ली नगर निगम के उपमहापौर जय भगवान यादव द्वारा प्रदान किया गया। इस अवसर पर विधायक संजय गोयल, राकेश शर्मा आदि अनेक गणमान्य अतिथि मंच पर उपस्थित थे।

इस अवसर पर प्रो अरोड़ा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि स्वर्गीय महेश चंद्र शर्मा से उनका 35 वर्ष का संबंध रहा। वे हिंदी प्रेमी होने के साथ ही दिल्ली की गौशालाओं के संरक्षण और उचित परिचालन के लिए वर्षों तक संघर्ष करते रहे। उन्होंने यह भी कहा कि श्री शर्मा हिंदी भाषा के प्रति समर्पित दिल्ली हिंदी साहित्य सम्मेलन के लंबे समय तक अध्यक्ष रहे। आज उनके सुपुत्र राकेश शर्मा सम्मेलन में कोषाध्यक्ष के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। प्रो. हरीश अरोड़ा को अब तक विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से 25 से अधिक सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। 35 वर्षों की उनकी साहित्यिक यात्रा में उनकी 45 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित होकर आ चुकी हैं।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि योगेंद्र चंदोलिया ने कहा कि श्री महेश चंद्र शर्मा उनके राजनीतिक गुरु थे। जिनसे कुछ ग्रहण करके ही मैं आज समाज सेवा में संकल्पित हो सका। कार्यक्रम के अधिक मूल चंद चावला ने श्री महेश चंद शर्मा के साथ अपने लंबे समय की स्मृतियों को याद किया।इस अवसर पर न्यास के अध्यक्ष तथा श्री महेश चंद्र शर्मा के सुपुत्र राकेश शर्मा ने कहा कि उनके पिता ने स्वयं एक शिक्षक के रूप में उन्हें जो विचार प्रदान किए उन्हीं के प्रतिफल स्वरूप न्यास द्वारा विभिन्न शिक्षकों को सम्मानित करना बाऊ जी को श्रद्धांजलि होगा। यह सम्मान शिक्षकों का नहीं बल्कि न्यास का सम्मान है जो बाऊ जी के जीवन से प्रेरणा लेकर इस दिशा में काम कर रहा है।

कार्यक्रम में दिल्ली के विभिन्न विद्यालयों के 25 विद्यार्थियों को न्यास द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान की गई। कार्यक्रम में भारत के विभिन्न क्षेत्रों से भारी संख्या में साहित्यकार, राजनीतिज्ञ, व्यवसायी, हिंदी प्रेमी तथा समाज सेवी उपस्थित थे।

 

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