नई दिल्ली में BKS और चावरा कल्चरल सेंटर द्वारा आयोजित अभिनय कार्यशाला, 8-10 मार्च तक चला सत्र

प्रसिद्ध अभिनेता और निर्देशक रवि केम्मू ने 8 से 10 मार्च तक नई दिल्ली के मजनू का टीला में तीन दिवसीय अभिनय कार्यशाला का नेतृत्व किया। बहुमुखी कलाकार संगम (BKS) और चावरा कल्चरल सेंटर द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में उभरते कलाकारों को थिएटर और सिनेमा की बारीकियों को समझने और अभिनय कौशल निखारने का सुनहरा अवसर मिला। यह कार्यशाला न केवल अभिनय की तकनीकों पर केंद्रित थी, बल्कि आत्म-अभिव्यक्ति और आत्मविश्वास को भी बढ़ावा देने वाली साबित हुई।

अभिनय से परे, आत्म-अभिव्यक्ति का मंच

इस कार्यशाला में प्रतिभागियों को संवाद अदायगी, चरित्र निर्माण और इम्प्रोवाइजेशन (तात्कालिक अभिनय) जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) के पूर्व छात्र और भरतेंदु नाट्य अकादमी के पूर्व प्रोफेसर रवि केम्मू, जिन्होंने जिंदगी ना मिलेगी दोबारा (2011) और राजनीति (2010) जैसी चर्चित फिल्मों में योगदान दिया है, ने युवाओं को अपने अभिनय में भावनाओं और अनुभवों को प्रभावी ढंग से समाहित करने की प्रेरणा दी।

कार्यशाला के अनुभव पर बात करते हुए रवि केम्मू ने कहा,
“छात्रों का जुनून और समर्पण देखकर बेहद खुशी हुई। हमने न सिर्फ अभिनय तकनीकों पर काम किया, बल्कि व्यक्तित्व विकास और रचनात्मकता को भी बढ़ावा दिया। यह केवल एक कार्यशाला नहीं, बल्कि कलाकारों के लिए आत्म-अन्वेषण की एक यात्रा थी।”

कला और संस्कृति के दिग्गजों का समर्थन

इस कार्यशाला को कला और संस्कृति जगत के प्रतिष्ठित व्यक्तियों का भी समर्थन मिला। चावरा कल्चरल सेंटर के निदेशक डॉ. फादर रोबी कनन्चिरा ने थिएटर को युवाओं के रचनात्मक विकास और आत्मविश्वास को बढ़ाने का बेहतरीन माध्यम बताया। वहीं, BKS के अध्यक्ष मेल्विन विलियम्स ने कार्यशाला की सफलता पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि उनका संगठन नए कलाकारों को एक साझा मंच प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।

BKS: कला और कलाकारों के लिए एक मंच

बहुमुखी कलाकार संगम (BKS) एक गैर-लाभकारी संगठन है जो सिनेमा, टीवी, डिजिटल मीडिया, थिएटर, लोक कला और ललित कलाओं से जुड़े कलाकारों को सहयोग और समर्थन प्रदान करता है। “आर्टिस्ट्स यूनाइटेड” पहल के तहत, यह संगठन न केवल कलाकारों के अधिकारों की रक्षा करता है, बल्कि उन्हें करियर मार्गदर्शन और नेटवर्किंग के अवसर भी प्रदान करता है।

प्रतिभागियों के लिए एक परिवर्तनकारी अनुभव

इस कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रतिभागियों के लिए यह अनुभव केवल एक प्रशिक्षण सत्र नहीं, बल्कि एक परिवर्तनकारी यात्रा थी। उन्होंने कहा कि व्यावहारिक तकनीकों और व्यक्तिगत फीडबैक के माध्यम से उनकी अभिनय क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार हुआ और उन्होंने अपने कला सफर को आगे बढ़ाने की नई ऊर्जा और आत्मविश्वास प्राप्त किया। इसके अलावा, कार्यशाला ने कलाकारों के बीच संपर्क और नेटवर्किंग को भी बढ़ावा दिया, जिससे वे एक मजबूत कलात्मक समुदाय का हिस्सा बन सके।

भविष्य में भी जारी रहेगा यह प्रयास

इस शानदार प्रतिक्रिया से उत्साहित होकर BKS और चावरा कल्चरल सेंटर भविष्य में भी ऐसी कार्यशालाओं का आयोजन करेंगे, ताकि नई पीढ़ी के कलाकारों को सीखने के अवसर मिलें और भारतीय कला एवं संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके।

ये भी पढ़ें :-

भारतीय रेलवे ने मनाया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, सशक्तिकरण और उपलब्धियों का उत्सव