
भारत की ऊर्जा सुरक्षा को नई दिशा: हरदीप सिंह पुरी
भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता और सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, लोकसभा ने आज ऑयलफील्ड्स (नियमन और विकास) संशोधन विधेयक 2024 को पारित कर दिया। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसे ऊर्जा क्षेत्र के लिए “ऐतिहासिक दिन” करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की सराहना की।
ऊर्जा क्षेत्र में सुधार और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
इस विधेयक के तहत मौजूदा नियमों में व्यापक संशोधन किए गए हैं, जिनका उद्देश्य नीति स्थिरता बनाए रखना, अंतरराष्ट्रीय निवेश को आकर्षित करना और अन्वेषण एवं उत्पादन (E&P) क्षेत्र में सुधार लाना है। मंत्री पुरी ने कहा कि यह बदलाव व्यवसाय करने में आसानी (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देगा और ऊर्जा क्षेत्र में विश्वास और पारदर्शिता स्थापित करेगा।
उन्होंने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में बड़े बदलाव आए हैं, जिससे मौजूदा कानूनों को नए सिरे से परिभाषित करने की आवश्यकता महसूस हुई। यह संशोधित कानून पुराने अनावश्यक प्रावधानों को हटाने और भारत के ऊर्जा ढांचे को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
बढ़ती ऊर्जा मांग और भारत की रणनीति
भारत में ऊर्जा की मांग लगातार बढ़ रही है। वर्तमान में भारत 5.5 मिलियन बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल की खपत कर रहा है, जो तीन साल पहले 5.0 मिलियन बैरल प्रतिदिन थी। अगर यही प्रवृत्ति जारी रही, तो निकट भविष्य में यह 6.5 से 7.0 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक पहुंच सकती है। मंत्री पुरी ने कहा कि यह बढ़ती मांग ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसे पूरा करने के लिए ऊर्जा उत्पादन और अन्वेषण गतिविधियों में तेजी लाने की आवश्यकता है।
‘नो गो’ क्षेत्र को खोलने का बड़ा फैसला
इस विधेयक के तहत सरकार ने 1 मिलियन वर्ग किलोमीटर के तलछटी बेसिन को खोलने का निर्णय लिया है, जिसे पहले ‘नो गो’ क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया था। इस कदम से ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम होगी और भारत की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को मजबूती मिलेगी। देश के 3.5 मिलियन वर्ग किलोमीटर के कुल तलछटी बेसिन में से इस बड़े हिस्से को अनलॉक करना भारत की दीर्घकालिक ऊर्जा नीति के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
ऊर्जा क्षेत्र में भारत की वैश्विक स्थिति होगी मजबूत
ऑयलफील्ड्स (नियमन और विकास) संशोधन विधेयक 2024 का पारित होना भारत की ऊर्जा रणनीति को मजबूती देने वाला एक निर्णायक कदम है। यह न केवल ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि भारत को अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में भी सहायक होगा।
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