
जनगणना 2011 के आंकड़ों में हुआ खुलासा
केंद्रीय अल्पसंख्यक एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार, 7 वर्ष और उससे अधिक आयु के मुसलमानों की साक्षरता दर में 9.4 प्रतिशत अंकों की बढ़ोतरी हुई है। 2001 में यह दर 59.1% थी, जो 2011 में बढ़कर 68.5% हो गई। इसी अवधि में देश की कुल साक्षरता दर भी 64.8% से बढ़कर 73.0% हो गई।
हालिया सर्वेक्षण में और सुधार
आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 7 वर्ष और उससे अधिक उम्र के मुसलमानों की साक्षरता दर अब 79.5% तक पहुंच गई है, जबकि सभी धर्मों के लिए यह औसत 80.9% है।
अल्पसंख्यकों के विकास के लिए बहुआयामी रणनीति
अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, जो छह अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों—बौद्ध, ईसाई, जैन, मुस्लिम, पारसी और सिख—के सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए काम करता है, ने उनके उत्थान के लिए व्यापक रणनीति अपनाई है। इसमें शैक्षिक सशक्तिकरण, बुनियादी ढांचे का विकास, आर्थिक सशक्तिकरण, विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति और अल्पसंख्यक संस्थानों को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया गया है।
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