
समारोह का भव्य उद्घाटन
इस प्रदर्शनी का उद्घाटन जामिया हमदर्द के माननीय कुलाधिपति जनाब हम्माद अहमद और कुलपति प्रो. (डॉ.) एम. अफशार आलम ने किया। इस अवसर पर अध्यक्ष प्रो. शाहिद उमर और संयोजक डॉ. एम. इकबाल आर. खान के नेतृत्व में आयोजन समिति के प्रयासों की सराहना की गई। अपने उद्घाटन संबोधन में कुलपति प्रो. आलम ने पौधों के पारिस्थितिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “पौधे केवल प्रकृति की शोभा नहीं बढ़ाते, बल्कि यह हमारे जीवन में शांति, स्वास्थ्य और संतुलन भी लाते हैं।”
छात्रों की उत्साही भागीदारी
इस प्रदर्शनी की खास बात थी छात्रों की सक्रिय भागीदारी। उन्होंने न केवल बागवानी और पर्यावरण संरक्षण के व्यावहारिक पहलुओं को सीखा, बल्कि विभिन्न गतिविधियों में भी योगदान दिया। उनके जोश और रचनात्मकता ने इस आयोजन को और भी प्रभावशाली बना दिया, जिससे जैव-विविधता और हरित जीवनशैली के प्रति जागरूकता बढ़ी।
औषधीय पौधों और पुष्प कला का प्रदर्शन
प्रदर्शनी में रंग-बिरंगे फूलों की सजावट के साथ-साथ औषधीय पौधों और उनके स्वास्थ्य लाभों पर भी विशेष जानकारी दी गई। यह पहल जामिया हमदर्द की प्राकृतिक विज्ञान और स्वास्थ्य को जोड़ने की परंपरा को और मजबूत करती है।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सार्थक प्रयास
यह वार्षिक पुष्प प्रदर्शनी केवल सौंदर्य का उत्सव नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के प्रति जामिया हमदर्द की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी है। इस तरह के आयोजन न केवल हरियाली को बढ़ावा देते हैं, बल्कि समाज में प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करते हैं।
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